✍🏻 प्रहरी संवाददाता, लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के ‘अपराधमुक्त’ दावों की पोल फिरोजाबाद की घटना ने खोल दी है। शुक्रवार सुबह मोहम्मदाबाद में बसपा नेता और पूर्व जिला पंचायत सदस्य पप्पू कुशवाहा (52) की चार बदमाशों ने दिनदहाड़े हत्या कर दी। बाइक पर आए हमलावरों ने पहले चाकुओं से ताबड़तोड़ वार किए, फिर गले में गोली मारकर मौत की नींद सुला दिया। घटना से इलाके में हड़कंप मच गया।
गोली की आवाज सुनकर भड़के ग्रामीणों ने पुलिस को घेर लिया। गुस्साई भीड़ ने पुलिस की तीन गाड़ियों को तोड़ डाला, क्योंकि पुलिस की ‘तुरंत कार्रवाई’ के वादे हवा में उड़ते दिखे।
मृतक के बेटे प्रिंस ने बताया कि 2011 में बसपा शासनकाल में उनके पिता जिला पंचायत सदस्य बने थे, तब से कुछ लोगों से चुनावी रंजिश थी। इस बार ग्राम प्रधान चुनाव की तैयारियों में जुटे पप्पू को रास्ते से हटाने की साजिश रची गई।
पुलिस ने बताया कि पप्पू की दो शादियां थीं, दो मकान थे। हाल ही में उनके पिता का निधन हुआ था, जिसकी तेरहवीं में कई नेता शामिल हुए।
घटना की जानकारी मिलते ही एसएसपी सौरभ दीक्षित और एसपी सिटी रविशंकर प्रसाद मौके पर पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने ‘जल्द गिरफ्तारी’ का भरोसा तो दिया, मगर ग्रामीणों का गुस्सा ठंडा नहीं हुआ। दिनदहाड़े हत्या और पुलिस पर हमला, यूपी की ‘कानून व्यवस्था’ का ये नजारा सोशल मीडिया पर भी वायरल है। सरकार के ‘सब चंगा सी’ के नारे अब खोखले साबित हो रहे हैं।