डिजिटल न्यूज डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को 8.10 लाख करोड़ रुपये का सबसे बड़ा बजट पेश किया। यूपी सरकार का दावा है कि इस बार बजट का फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट्स, सामाजिक पेंशन, गरीब, युवा, किसान, धार्मिक पर्यटन और महिलाओं के उत्थान पर रहा है, तो वहीं प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने इस बजट को खोखला करार देते हुए कहा कि सरकार के पास विकास का कोई रोडमैप नहीं है। इस बजट में अगले वर्ष होने वाले पंचायत चुनाव की तैयारियों की झलक दिखाई दे रही है।
बजट में फ्री स्कूटी, स्मार्ट सिटी, एक्सप्रेसवे…
योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने उत्तर प्रदेश के वित्तीय वर्ष 2025-26 का वार्षिक बजट प्रस्तुत किया। गुरुवार को विधानसभा में प्रस्तुत किया गया बजट 8 लाख 8 हजार 736 करोड़ 06 लाख रुपये का है, जो वर्ष 2024-2025 के बजट से 9.8 प्रतिशत अधिक है।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि सरकार प्रदेश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए सड़कों की कनेक्टिविटी को और मजबूत कर रही है।बजट में सरकार ने चार नए एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 1,050 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। इन एक्सप्रेसवेज के निर्माण के बाद तीन प्रमुख तीर्थ स्थलों काशी, प्रयागराज व हरिद्वार की कनेक्टिविटी में सुधार होगा। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) की तरफ से इनका निर्माण कराया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि औद्योगिक विकास के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 36 लाख करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इनमें से 6.50 लाख करोड़ से अधिक का निवेश प्रदेश में आ चुका है। उन्होंने कहा कि आधी आबादी को आर्थिक रूप से मजबूत बनाकर उनकी प्रगति में राज्य सरकार महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। वर्ष 2025 -2026 के बजट में प्रदेश सरकार ने महिलाओं के कल्याण और उत्थान का विशेष ख्याल रखा है। मेधावी छात्राओं को पात्रता के आधार पर स्कूटी प्रदान करने की नई योजना ला रही है। महिला और श्रमिक कल्याण के लिए विशेष प्रविधान किए हैं।
बता दें कि महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत आने वाली योजनाओं के लिए योगी सरकार ने बजट में विशेष व्यवस्था की है। 2980 करोड़ रुपये निराश्रित महिला पेंशन योजनांतर्गत पात्र लाभार्थियों को देय पेंशन के भुगतान पर खर्च होंगे। वहीं, 700 करोड़ रुपये की व्यवस्था मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के लिए की गई है। इसके अलावा, 7 जिलों वाराणसी, मेरठ, प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर नगर, झांसी एवं आगरा में मुख्यमंत्री श्रमजीवी महिला छात्रावासों का निर्माण होगा।