डिजिटल न्यूज़ डेस्क, नई दिल्ली। भारत में खाना पकाने के लिए वनस्पति तेलों को बार-बार इस्तेमाल करने का चलन घरों में और बाहर दोनों जगह है। हम लोग खाना बनाने के बाद अक्सर बचे हुए तेल का इस्तेमाल तब तक करते हैं, जब तक वो पूरा खत्म नहीं हो जाता।
इंडियन कांउसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने इस बारे में दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा है कि वनस्पति तेल या किसी भी प्रकार के तेल को बार-बार गर्म करना सेहत के लिए खतरे से खाली नहीं है। वनस्पति तेलों को बार-बार गरम करने से उसमें जहरीले पदार्थ पैदा होते हैं, जिससे हार्ट अटैक और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ता है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि तेल का तापमान बढ़ने के कारण कुछ वसा ट्रांस वसा में बदल जाते हैं। ट्रांस फैट एक हानिकारक वसा है, जो हृदय रोग के बढ़ावा देता है। इसलिए जब तेल को बार-बार उपयोग करते हैं तो उसमें ट्रांस की मात्रा बढ़ जाती है।
आईसीएमआर ने वनस्पति तेलों को बार बार इस्तेमाल करने पर क्या कहा है?
आईसीएमआर ने तेल के बार बार इस्तेमाल पर कहा है कि इस तेल से आप सब्जी बना सकते हैं, लेकिन अगर एक बार आप तेल में फ्राई कर चुके हैं तो बाद में बार बार उस तेल में फ्राई नहीं करना चाहिए। कुछ संस्थानों ने एक बार फ्राई करे हुए तेल को एक या दो दिन के अंदर इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है।
विशेषज्ञों ने भी दी चेतावनी
विशेषज्ञों के मुताबिक वनस्पति तेल को बार-बार गर्म करने से ट्रांस और एक्रिलामइड जैसी हानिकारक पदार्थो का निर्माण होता है, जो कैंसर के खतरे से जुडे़ हैं। इससे बार बार उपयोग करने से फ्री रैडिकल्स और अन्य हानिकारक पदार्थ का उत्पन्न होता है जो हृदय रोग, सूजन और लिवर से संबंधित दिक्कतें देता है। ऐसे जोखिमों से बचने के लिए हाई स्मोक वाले तेलों का उपयोग करना चाहिए जैसे एवोकाडो तेल।