साल 2024-25 के लिए कर्मचारियों के भविष्य निधि जमा पर 8.25% ब्याज दर
डिजिटल न्यूज डेस्क, नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने शुक्रवार को कारोबारी साल 2024-25 के लिए कर्मचारियों के भविष्य निधि (EPF) जमा पर 8.25% ब्याज दर बनाए रखने का निर्णय लिया है। इस फैसले के बाद ईपीएफ के करोड़ों मेंबर्स को निराशा हुई है। साल 1989-90 में ईपीएफओ से कर्मचारियों को 12 फीसदी का ब्याज मिलता था, जो अब तक की सबसे अधिक ब्याज दर है। साल 2016-17 में यह घटकर 8.65 फीसदी कर दी गई। उसके बाद साल 2021-22 में इसे घटाकर 8.1 फीसदी कर दिया गया, जो पिछले 4 दशक के सबसे निचले स्तर पर थी। महंगाई की मार से त्रस्त कर्मचारियों को सरकार से कोई राहत नहीं मिली है।
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, सेवानिवृत्ति निधि निकाय ईपीएफओ ने इस साल भी ब्याज दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। फरवरी 2024 में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने 2023-24 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर को मामूली रूप से बढ़ाकर 8.25 फीसदी कर दिया था। इस साल भी यही ब्याज दर बरकरार रखी गई है।
ईपीएफओ की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) की बैठक में इस ब्याज दर पर सहमति बनी है। अब इस प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय को भेजा जाएगा। सरकार की स्वीकृति के बाद यह ब्याज दर देशभर के सात करोड़ से अधिक खाताधारकों के खातों में जमा की जाएगी।
एंप्लॉयीज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO)ने पिछले वित्त वर्ष 2023 में 8.15 फीसदी औऱ वित्त वर्ष 2022 में 8.10 फीसदी ब्याज दर निर्धारित की थी। अब तक ईपीएफ खाते पर सबसे कम दर से ब्याज वित्त वर्ष 1977-78 में मिला था, जब इसकी दर 8 फीसदी थी और उसके बाद वित्त वर्ष 2021-22 में इसकी दर 8.10 फीसदी थी। पिछले सप्ताह ईपीएफओ की निवेश और लेखा समिति ने समीक्षा के बाद डिपॉजिट पर मिलने वाली ब्याज दरों में कटौती करने का निर्णय लिया था।
2023-24 में EPFO ने दिया सबसे ज्यादा रिटर्न
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने साल 2023-24 के लिए 1,07,000 करोड़ की इनकम पर 8.25% ब्याज दिया है, जो लगभग 13 लाख करोड़ की मूल राशि के आधार पर इसका सबसे ज्यादा रिटर्न है। साल 2022-23 में 91,151.66 करोड़ की इनकम पर 8.15% की दर से रिटर्न दिया गया था। वहीं, साल 2002-03 में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने 9.50% की दर से ब्याज दिया था।