शिवसेना बोली- डिप्टी सीएम की पोस्ट स्वीकार नहीं करेंगे एकनाथ शिंदे
प्रहरी संवाददाता, मुंबई। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। बीजेपी की अगुवाई वाले महायुति से अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, अभी तक इस पर सस्पेंस बरकार है। इस बीच, शिवसेना ने दो टूक कह दिया है कि एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार नहीं करेंगे।
शिवसेना नेताओं का कहना है कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार नहीं करेंगे। खुद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी कहा है कि गठबंधन में ऐसा कोई निश्चित फॉर्मूला नहीं है कि सबसे अधिक सीटें जीतने वाली पार्टी का नेता ही मुख्यमंत्री बनेगा। उन्होंने अपनी सरकार की जन-समर्थक नीतियों को इस चुनाव में सफलता का मुख्य कारण बताया।
शिवसेना के प्रवक्ता संजय शिरसाट ने कहा कि विधानसभा चुनाव एकनाथ शिंदे के चेहरे पर लड़ा गया। इस बात को डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और बीजेपी के वरिष्ठ नेता भी मानते हैं। हमारी मांग है कि जो चेहरा सामने आया है, उसे प्राथमिकता देनी चाहिए।
शिरसाट ने कहा कि बीजेपी अगर हमारी डिमांड पूरी करती है तो लोगों में अच्छा मैसेज जाएगा। अगर एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बनते है तो आने वाले चुनावों में हमें फायदा होगा। शिंदे की वजह से ही चुनाव में महायुति को फायदा हुआ है।
हम रामदास को गंभीरता से नहीं लेते
बीजेपी विधायक और कार्यकर्ताओं का एक बड़ा वर्ग फडणवीस को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहता है। उनकी प्रशासनिक क्षमता और लोकप्रियता भी उनके पक्ष में जाती है। एकनाथ शिंदे को लेकर केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले के बयान के बारे में पूछे जाने पर शिरसाट ने कहा कि शिवसेना कह चुकी है कि हम आठवले को गंभीरता से नहीं लेते। वो केंद्र के नेता हैं, केंद्र की राजनीति करें। महाराष्ट्र की राजनीति कैसे करनी है, वो हम अच्छे से जानते हैं। जो लोग हमें गद्दार कहते है, वो अब घर में बैठेंगे।
बता दें कि इससे पहले मंगलवार को एकनाथ शिंदे ने राजभवन पहुंचकर मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की मौजूदगी में अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया था।
बता दें कि एमवीए में कांग्रेस, शरद पवार की एनसीपी, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) शामिल हैं। विधानसभा चुनाव में इस खेमे को बड़ा झटका लगा है। महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय वाली विधानसभा में यह गठबंधन सिर्फ 46 सीटें ही जीत सकी है। बीजेपी की अगुवाई में महायुति गठबंधन 230 सीटें जीतने में कामयाब रही है। महायुति में बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी शामिल है।