हाइलाइट्स:
- कंपनियों के लिए एमनेस्टी स्कीम लाने की तैयारी में है ईपीएफओ
- वर्कर्स कंट्रीब्यूशन जमा नहीं करने वाली कंपनियों को होगा फायदा
- इस स्कीम को इस साल के अंत तक लॉन्च किया जा सकता है
- प्रति वर्ष ₹1 जितना कम हो सकता है न्यूनतम अंशदान
डिजिटल न्यूज डेस्क, नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) एक एमनेस्टी स्कीम तैयार कर रहा है, जिससे उन कंपनियों को फायदा होगा, जिन्होंने अतिरिक्त वित्तीय जिम्मेदारी से बचने के लिए ईपीएफओ के साथ नामांकन नहीं कराया है या अपने कर्मचारियों के अंशदान को इसमें जमा करने में डिफॉल्ट किया है।
सूत्रों के मुताबिक, ईपीएफओ की इस योजना को 2024 के अंत तक रोजगार-संबंधी प्रोत्साहन (ELI) योजनाओं के साथ लॉन्च किया जा सकता है। इस कदम से ईएलआई योजनाओं के तहत नामांकन को आकर्षित करने, वर्कफोर्स के फॉर्मलाइजेशन को बढ़ाने और अधिक से अधिक वर्कर्स को सोशल सिक्योरिटी स्कीम्स का लाभ सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
मौजूदा व्यवस्था के मुताबिक, कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत कर्मचारियों के लिए भविष्य निधि, पेंशन और बीमा लाभों में योगदान करने के लिए कम से कम 20 कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को ईपीएफओ के साथ पंजीकरण करना पड़ता है। हालांकि अधिकांश छोटे और मध्यम उद्यम ईपीएफओ सीमा से बचने के लिए अपने कर्मचारियों की संख्या 20 से कम रखते हैं।
सूत्रों ने बताया कि छूट के लिए पात्र डिफॉल्ट अवधि 2017 से 2024 तक हो सकती है। अगर इसे मंजूरी मिल जाती है, तो यह योजना शुरू में ईएलआई योजना के लॉन्च से छह महीने तक चलेगी।
सीबीटी की मंजूरी
सूत्रों के अनुसार, प्रस्तावित माफी योजना को ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड के समक्ष शनिवार को होने वाली बैठक में पेश किया जा सकता है। योजना की रूपरेखा के तहत अगर एम्प्लॉयर ने डिफॉल्ट पीरियड के दौरान कर्मचारी का कंट्रीब्यूशन कलेक्ट नहीं किया है, तो सरकार इसे माफ कर सकती है। दूसरी ओर एम्प्लॉयर को डिफॉल्ट अवधि के लिए ईपीएफओ को न्यूनतम अंशदान देना पड़ सकता है, जो प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष ₹1 जितना कम हो सकता है।
यदि एम्प्लॉयर ने कर्मचारियों के वेतन से भविष्य निधि अंशदान काट लिया है, लेकिन कभी भी इसे ईपीएफओ के पास जमा नहीं कराया है, तो उन्हें कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के अनुसार, ईपीएफओ द्वारा तय समय के भीतर दंड के साथ पूरी राशि जमा करनी होगी। अधिकारी ने कहा कि इस पर चर्चा की जा रही है और उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में इस योजना को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। योजना को शुरू करने से पहले सीबीटी की मंजूरी की जरूरत होगी।