डिजिटल न्यूज डेस्क, उदयपुर। राजस्थान में महाराणा प्रताप के वंशजों के बीच राजगद्दी का विवाद गहरा गया है। विश्वराज सिंह के राजतिलक के बाद उदयपुर में सिटी पैलेस के बाहर स्थिति सोमवार देर रात तक तनावपूर्ण बनी रही। प्रशासन ने सिटी पैलेस के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया। मौजूदा हालात को देखते हुए बड़ी पोल से धूणी माता मंदिर और जनाना महल तक के विवादित क्षेत्र के लिए रिसीवर नियुक्त करने का भी निर्णय लिया है। इस संदर्भ में अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट भेजी गई है।
क्या है पूरा मामला
सोमवार को उदयपुर के राजपरिवार के वारिस के तौर पर विश्वराज का राजतिलक किया गया। इसके बाद से यहां स्थिति बिगड़ गई। राजतिलक के बाद विश्वराज सिंह को धूणी माता मंदिर सिटी पैलेस में दर्शन के लिए जाना था, लेकिन राजपरिवार के बीच विवाद के चलते यहां स्थिति बिगड़ गई।
विश्वराज के पिता व पूर्व सांसद महेंद्र सिंह मेवाड़ का नवंबर में निधन हो गया था। विश्वराज को गद्दी पर बैठाने की रस्म चित्तौड़गढ़ किले के फतह प्रकाश महल में आयोजित की गई थी, जिसमें कई राजपरिवारों के प्रमुख शामिल हुए थे।
हालांकि महेंद्र सिंह और उनके अलग हुए छोटे भाई अरविंद सिंह मेवाड़ के बीच चल रहे विवाद के कारण यह कार्यक्रम विवादों में आ गया था।
अरविंद सिंह ने दस्तूर कार्यक्रम के तहत विश्वराज के एकलिंगनाथ मंदिर और उदयपुर में सिटी पैलेस में जाने के खिलाफ सार्वजनिक नोटिस जारी कर दिया।
अरविंद सिंह मेवाड़ महाराणा प्रताप के वंशज हैं। मंदिर और महल दोनों ही उनके नियंत्रण में हैं। वो उदयपुर में श्री एकलिंग जी ट्रस्ट के अध्यक्ष और प्रबंध न्यासी भी हैं।
उनके वकील की तरफ से अखबारों में दिए गये दो सार्वजनिक नोटिस में आरोप लगाया गया कि समारोह के नाम पर आपराधिक अतिचार करने का प्रयास किया जा रहा है और अनधिकृत व्यक्तियों का मंदिर और सिटी पैलेस में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।