डिजिटल न्यूज डेस्क, नई दिल्ली। ऑक्सफैम रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2024 में दुनिया भर के अरबपतियों की संपत्ति में 2000 अरब डॉलर तक बढ़ गई है। रिपोर्ट में बताया गया कि अरबपतियों की संपत्ति तो तेजी से बढ़ रही है, लेकिन गरीबी रेखा के नीचे जीवन जीने वाले लोगों की संख्या में 1990 के बाद से कोई खास बदलाव नहीं आया है।
ऑक्सफैम ने सोमवार को अपनी यह रिसर्च रिपोर्ट जारी की है, जिसमें यह बात कही गई है। ‘टेकर्स, नॉट मेकर्स’ शीर्षक से जारी की गई यह रिपोर्ट कहती है कि दुनिया भर में अरबपतियों की संपत्ति साल 2024 में 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़कर 15 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई, जो पिछले साल की तुलना में तीन गुना अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष एशिया में 41 नए अरबपति बने हैं, यानी हर सप्ताह लगभग चार नए अरबपति बने हैं।
संपत्ति का असमान वितरण
ग्लोबल नॉर्थ के देशों के पास दुनिया की कुल संपत्ति का 69% है, जबकि उनकी आबादी वैश्विक जनसंख्या का केवल 21% है। ग्लोबल नॉर्थ के सबसे अमीर 1 प्रतिशत लोग ग्लोबल साउथ की तुलना में प्रति घंटे 30 मिलियन अमेरिकी डॉलर की कमाई की है। अरबपतियों की 60 प्रतिशत संपत्ति विरासत, एकाधिकार शक्ति या क्रोनी संबंधों से प्राप्त होती है, जो दर्शाता है कि “अरबपतियों की अत्यधिक संपत्ति काफी हद तक वैध नहीं है।”
औसतन 5.7 बिलियन अमरीकी डॉलर बढ़ी संपत्ति
वर्ष 2024 में अरबपतियों की संपत्ति औसतन 5.7 बिलियन अमरीकी डॉलर प्रतिदिन की दर से बढ़ी है, जबकि अरबपतियों की संख्या भी बढ़कर 2,769 हो गई। 2023 में अरबपतियों की संख्या 2,565 थी। ऑक्सफैम ने कहा कि दुनिया के दस सबसे अमीर लोगों की संपत्ति औसतन प्रतिदिन लगभग 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर बढ़ी है, भले ही वे रातोंरात अपनी संपत्ति का 99 प्रतिशत खो दें, फिर भी वे अरबपति बने रहेंगे।
कर लगाने की सिफारिश
ऑक्सफैम के कार्यकारी निदेशक अमिताभ बेहार ने कहा कि यह आर्थिक असमानता मानवता और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए नुकसानदेह है। उन्होंने अरबपतियों की तेजी से बढ़ती संपत्ति को नियंत्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। ऑक्सफैम ने सरकारों से अमीरों पर अधिक कर लगाने और असमानता को कम करने के उपाय करने की अपील की है। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और रोजगार सृजन के लिए अधिक धन लगाने की सिफारिश की गई है।