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बेटी के इलाज के लिए बना साइबर क्रिमिनल्स का सहयोगी

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-फर्जी अकाउंट खुलवाकर पीड़ित को किया डिजिटल अरेस्‍ट

 

हाइलाइट्स

  • बैंककर्मी समेत 3 अरेस्‍ट
  • बैंक कर्मचारी ने ठगी के लिए फर्जी अकाउंट खोले
  • महिला से 84 लाख की ठगी, 21 लाख रुपये फ्रीज
  • अकाउंट होल्डर और दो बैंककर्मियों की गिरफ्तारी

डिजिटल न्यूज डेस्क, नोएडा। बेटी के इलाज के लिए एक पिता को अपराधी बनना पड़ा। महंगे इलाज और अस्पताल की भारी भरकम फीस भरने के लिए रुपयों की जरूरत थी, इसके चलते एक शख्स ने बैंक कर्मचारी के साथ मिलकर धोखाधड़ी और ठगी का रास्ता अपनाया। बैंक के एक कर्मचारी ने फर्जी तरीके से उस शख्स का करंट अकाउंट खुलवाकर डिजिटल अरेस्ट की कई वारदातों को अंजाम दिया। इसी मामले में साइबर थाना पुलिस ने चंडीगढ़ से अकाउंट होल्डर और दो बैंककर्मियों को गिरफ्तार किया है। यह दोनों अलग-अलग बैंक में जॉब करते हैं। वे जरूरतमंद लोगों को झांसे में लेकर फर्जी अकाउंट खुलवाते थे और कमीशन की रकम अकाउंट होल्डर को दे देते थे।

पुलिस के अनुसार, इन लोगों ने नोएडा की एक महिला को मनी लॉन्ड्रिंग और विदेश में ड्रग्स भेजने के मामले में डिजिटल अरेस्ट किया था और उससे 84 लाख रुपये से अधिक की रकम ऐंठ ली थी। महिला ने ठगी का मामला दर्ज कराया था। इस केस में पुलिस ने 21 लाख रुपये फ्रीज कराने के बाद 16 लाख रुपये वापस करा दिए थे। जांच के दौरान पुलिस ने अकाउंट होल्डर राम सिंह कुंवर को अरेस्ट किया, जिसके बाद एक प्राइवेट बैंक में काम करने वाले अक्षय कुमार और दूसरे बैंक के लोन डिपार्टमेंट में काम करने वाले नरेंद्र सिंह चौहान को गिरफ्तार किया गया।

 

‘बिना कुछ करे करा देंगे पैसों की व्यवस्था’

पुलिस जांच में सामने आया कि निजी बैंक के लोन डिपार्टमेंट में तैनात नरेंद्र सिंह ने राम सिंह को कहा था कि उसके पास कई लोग इमरजेंसी में लोन के लिए आते हैं। राम सिंह को पैसों की सख्त जरूरत थी। वह नरेंद्र सिंह के झांसे में आ गया। बाद में उसके नाम से खुले करंट अकाउंट में महिला से हुई ठगी के 69 लाख रुपये से अधिक ट्रांसफर किए गए थे।

फर्जी कंपनी से लेकर अकाउंट खोलने की जिम्मेदारी

पुलिस पूछताछ में आरोपी बैंक कर्मचारी अक्षय कुमार ने बताया कि अकाउंट खुलवाने के लिए लोगों के राजी होने के बाद वे पहले फर्जी तरीके से उनके नाम पर एक कंपनी तैयार करते थे। इसके बाद सभी डॉक्युमेंट्स लेने के बाद अकाउंट को वेरिफाई किया जाता था, जिसकी जिम्मेदारी अक्षय के पास थी। फर्जीवाड़ा करने के बाद वह अकाउंट खोल देता था। खाता खुलवाने में डिटेल देने वाले को 10-15 फीसदी तक की हिस्सेदारी मिलती थी।

देशभर में 41 शिकायतें दर्ज, विदेश से भी कनेक्शन!

जानकारी के अनुसार, जिस अकाउंट में महिला से ठगी के रुपये डाले गए, उस पर देशभर में 41 शिकायतें दर्ज हैं। इस अकाउंट में महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, केरल, गुजरात, उत्तर प्रदेश, नगालैंड समेत अन्य राज्यों में रहने वाले लोगों को ठगने के बाद रकम ट्रांसफर की जाती थी। इस मामले में गैंग के एक सदस्य उमेश महाजन को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले कंबोडिया में बैठे बदमाशों के डिजिटल अरेस्ट करने की बात भी सामने आई है।


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