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अदालत ने सेल एग्रीमेंट डिक्री रजिस्ट्रेशन को लेकर अहम फैसला सुनाया
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सुप्रीम कोर्ट का सेल एग्रीमेंट डिक्री पर क्लियरेंस: बिना रजिस्ट्रेशन भी वैध
✍🏻 डिजिटल न्यूज डेस्क, नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को संपत्ति विक्रय समझौते (सेल एग्रीमेंट) के विशिष्ट निष्पादन डिक्री (स्पेसिफिक परफॉर्मेंस डिक्री) की रजिस्ट्री से जुड़ा ऐतिहासिक फैसला सुनाया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ऐसी डिक्री का बिना रजिस्ट्रेशन के भी समनुदेशन (असाइनमेंट) किया जा सकता है और यह कानूनन वैध होगा। पीठ ने कहा कि इस डिक्री से किसी पक्ष को सीधे संपत्ति पर स्वामित्व नहीं मिलता, इसलिए इसके लिए अनिवार्य रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं है।
मामला 1993 के एकपक्षीय डिक्री से जुड़ा था, जिसमें डिक्रीधारक ने 1995 में बिना रजिस्ट्री कराए असाइनमेंट किया। निष्पादन के वक्त संपत्ति के उत्तराधिकारियों ने इसकी कानूनी वैधता को चुनौती दी। निचली अदालत ने उनकी आपत्ति मान ली थी, मगर हाईकोर्ट ने फैसला पलट दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए साफ कहा कि रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1908 की धारा 17(1)(ई) ऐसी डिक्री पर लागू नहीं होती क्योंकि इससे संपत्ति में अधिकार या स्वामित्व का सीधा ट्रांसफर नहीं होता।
कोर्ट ने सूरज लैम्प्स बनाम हरियाणा राज्य (2012) के फैसले का हवाला देते हुए दोहराया कि सिर्फ सेल एग्रीमेंट का ही रजिस्ट्रेशन जरूरी है, न कि उसके असाइनमेंट का। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने अपील खारिज की और स्पष्ट किया कि असाइनमेंट डीड बिना रजिस्ट्रेशन के भी वैध है।
