मुंबई। देश में कोरोना की दूसरी लहर के बढ़ते असर के बीच शहरी भारतीय कंज्यूमर्स का विश्वास डगमगाने लगा है। इसके साथ ही नौकरी गंवाने का डर भी बढ़ने लगा है। इकोनॉमी, पर्सनल फाइनेंस व निवेश के मोर्चे पर भी निवेशकों व आम नागरिकों का विश्वास कम हुआ है। यही कारण है कि अप्रैल में रिफाइनिटिव-इप्सॉस प्राइमरी कंज्यूमर्स सेंटिमेंट इंडेक्स (पीसीएसआई) 2021 में 1.1 प्रतिशत अंक की कमी दर्ज की गई।
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, देश में कोविड-19 संक्रमण के मामले बढ़ने से उपभोक्ताओं का भरोसा नीचे आया है। सर्व में शामिल उपभोक्ताओं ने कहा कि कोरोना महामारी के बढ़ते असर का असर आर्थिक स्थिति पर भी पड़ेगा। इससे रोजगार सृजन पर निगेटिव असर होगा। नौकरीपेशा वर्ग की आमदनी कम होगी तो पर्सनल फाइनेंस व निवेश भी प्रभावित होगा।
मासिक सर्वे के अनुसार, पीसीएसआई कर्मचारी विश्वास (रोजगार) उप-सूचकांक 0.6 प्रतिशत अंक नीचे आया है। आर्थिक संभावना उप सूचकांक भी 0.8 प्रतिशत अंक नीचे आया है। यह सर्वे उपभोक्ताओं की वर्तमान स्थिति के आधार पर भविष्य की धारणा को दर्शाता है। यह सर्वे चार बिंदुओं स्थानीय इकोनॉमी, पर्सनल फाइनेंस स्थिति, सेविंग यानी निवेश की संभावना व रोजगार को लेकर किया जाता है।

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