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 9 करोड़ की CC सड़क में ‘सीमेंट कम, भ्रष्ट आचार का मसाला ज्यादा!

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  • कल्याण में 8 महीने पहले बनाई गई थी सीसी सड़क, अब इसकी ऐसी हो गई हालत
  • लोगों ने कहा, MMRDA और ठेकेदारों ने बनाया घटिया काम का नया रिकॉर्ड्स

 

✍🏻 प्रहरी संवाददाता, मुंबई। मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MMRDA) और ठेकेदारों की जोड़ी ने घटिया काम करने की ऐसी मिसाल कायम की है कि इसे गिनीज बुक में दर्ज करना चाहिए! कल्याण के लोकग्राम कॉम्प्लेक्स में पिछले साल मानसून से पहले 9 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई  कंक्रीट (CC) सड़क मात्र 8 महीने में ही क्रैक से भर गई है।

इस सीसी सड़क पर ईमानदारी की जो पतली सतह बिछाई गई थी, वह अब उखड़ चुकी है। सीसी रोड के किनारे गड्ढों से भरे हैं, और बिजली का केबल भी शर्म से जमीन में गड़ गया है, लेकिन बेशर्म अधिकारियों और ठेकेदारों को जरा भी लाज नहीं आ रही।

सड़क की मौजूदा तस्वीरें देखकर लगता है कि इसे सीमेंट से नहीं, बल्कि रेत, मिट्टी और भ्रष्टाचार के मिश्रण से बनाया गया था। सड़क किनारे कचरे का ढेर, खुले में पड़े बिजली के केबल, और यूटिलिटी बॉक्स की कोई सुविधा नहीं।
एक स्थानीय निवासी ने तंज कसते हुए कहा, “9 करोड़ में तो एक स्कूल बन जाता, लेकिन MMRDA ने तो सीसी रोड के नाम पर गड्ढे बनाने में ये पैसा खर्च कर दिया! ठेकेदार की ईमान की परत दिखने लगी है।

सूत्रों के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट में भारी अनियमितताएं बरती गईं। ठेकेदार ने कागजों पर 9 करोड़ का बजट दिखाकर मोटा मुनाफा कमाया, लेकिन सड़क में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया। नतीजा? सड़क की हालत ऐसी हो गई कि पहली बारिश के बाद ही ईमानदारी का सीमेंट उखड़ने लगा। सड़क किनारे दुबका पड़ा खुला केबल भी इसकी गवाही दे रहा है।

एक अन्य निवासी ने व्यंग्य करते हुए कहा, “MMRDA का नया नारा है—‘हम बनाएंगे सड़क, जो टूटेगी हर 8 महीने बाद, और हादसे होंगे फ्री में!’”

सोशल मीडिया पर यह मामला आग की तरह फैल रहा है। एक यूजर ने लिखा, “9 करोड़ की सड़क 8 महीने में टूट गई—MMRDA और ठेकेदारों को भ्रष्टाचार का गोल्ड मेडल मिलना चाहिए!”

एक अन्य ने तंज कसा, “MMRDA को शर्म नहीं आती, लेकिन बिजली का केबल तो शर्म से जमीन में गड़ गया!”

यह पहली बार नहीं है जब MMRDA पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं—पहले भी कई प्रोजेक्ट्स में अनियमितताएं सामने आ चुकी हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हुई। पिछले साल यानी अगस्त 2024 में MMRDA के अधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद कोई जांच नहीं की गई।


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