भारतीय कंपनियों का हाई वैल्युएशन, एफपीआई अपना रहे हैं सतर्क रुख
हाइलाइट्स
- सेंसेक्स की टॉप 10 कंपनियों में से 5 कंपनियों का मार्केट कैप गिरा
इस बिकवाली की वजह कार्पोरेट कंपनियों व बैंकों के निराशाजनक तिमाही नतीजे हैं
प्रहरी संवाददाता, नई दिल्ली। बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी के 22,000 पॉइंट्स का रिकॉर्ड हाई स्तर को छूने के बाद शेयर बाजारों में मुनाफा वसूली हावी हो गई। इससे शेयर बाजार में पिछले कारोबारी सप्ताह गिरावट आई।
हालांकि, निफ्टी के 21,300 के निचले स्तर पर पहुंचने के बाद मार्केट में फिर से खरीदारी लौटी। इस बीच, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने इस महीने के पहले 3 सप्ताह में अब तक काफी सतर्क रुख अपनाते हुए भारतीय शेयर बाजारों से 13,000 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है।
एफपीआई की बिकवाली के दो कारण बताए जा रहे हैं। पहला अमेरिका में बॉन्ड यील्ड बढ़ रहा है। 10 साल के बॉन्ड पर यील्ड 3.9 प्रतिशत के हालिया स्तर से बढ़कर 4.15 प्रतिशत हो गया है, जिससे उभरते बाजारों से पूंजी निकासी हो रही है। इसके अलावा जो दूसरी वजह है, वह भारत में शेयरों का हाई वैल्युएशन है।
पिछले कारोबारी सप्ताह में शेयर बाजार में हुई भारी बिकवाली के चलते सेंसेक्स की शीर्ष 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में से 5 कंपनियों के बाजार मूल्यांकन में सामूहिक रूप से 1,67,936.21 करोड़ रुपये की गिरावट आई। इनमें सबसे अधिक नुकसान एचडीएफसी बैंक को हुआ। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,144.8 अंक 1.57 प्रतिशत नीचे आया।
आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने (19 जनवरी तक) में भारतीय शेयरों से 13,047 करोड़ रुपये की निकासी की है। उन्होंने 17-19 जनवरी के दौरान 24,000 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर बेचे।
इससे पहले दिसंबर में एफपीआई ने शेयरों में शुद्ध रूप से 66,134 करोड़ रुपये और नवंबर में 9,000 करोड़ रुपये का निवेश किया था।