– इसरो ने ब्लैक होल पर रिसर्च के लिए योजना बनाई
डिजिटल न्यूज डेस्क, नई दिल्ली। नए साल के आगमन के साथ एक बार फिर अंतरिक्ष में भारत नया इतिहास रचने की तैयारी में है। चंद्रयान-3 और आदित्य L1 के बाद अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) सोमवार को पहला एक्स-रे पोलारिमीटर सैटलाइट (XPoSat) लॉन्च करने के लिए तैयार है। इस लॉन्चिंग के साथ नववर्ष का स्वागत किया जाएगा, जो ब्लैक होल जैसी खगोलीय रचनाओं के रहस्यों से पर्दा उठाएगा।
#WATCH | On PSLV-C58 XPoSat mission, ISRO Chief S Somanath says “So 1, January 2024, yet another successful mission of PSLV has been accomplished…” pic.twitter.com/VwFCmRxvOU
— ANI (@ANI) January 1, 2024
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) नए साल 2024 के पहले दिन देशवासियों को बड़ा तोहफा दिया है। ISRO ने सोमवार सुबह-सुबह 10 अन्य पेलोड के साथ एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट (एक्सपीओसैट) को लॉन्च किया है।
इसरो के अधिकारियों ने बताया कि एक्सपीओसैट और 10 अन्य वैज्ञानिक पेलोड ले जाने वाले ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान-डीएल (पीएसएलवी-डीएल) के प्रक्षेपण के लिए 25 घंटे की उलटी गिनती रविवार सुबह 8.10 बजे शुरू हुई और सुचारु रूप से चल रही है। सुबह 9.10 बजे पीएसएलवी-सी58 कोड वाला भारतीय रॉकेट पीएसएलवी-डीएल संस्करण, 44.4 मीटर लंबा और 260 टन वजनी, आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) के पहले लॉन्च पैड से एक्सपीओसैट के साथ उड़ान भरी।
इसके साथ और 10 वैज्ञानिक पेलोड पीएसएलवी ऑर्बिटल प्लेटफॉर्म पर लगाए गए। अपनी उड़ान के लगभग 21 मिनट बाद, रॉकेट लगभग 650 किमी की ऊंचाई पर एक्सपोसैट की परिक्रमा करेगा।
ब्रह्मांड का पता लगाने के लिए एक साल से भी कम समय में यह भारत का तीसरा मिशन है। पहला ऐतिहासिक चंद्रयान-3 मिशन था, जिसे 14 जुलाई, 2023 को लॉन्च किया गया था, और इसके बाद 2 सितंबर, 2023 को आदित्य-एल1 लॉन्च किया गया था।
नासा के 2021 के इमेजिंग एक्स-रे पोलारिमेट्री एक्सप्लोरर या IXPE नामक मिशन के बाद यह ऐसा दूसरा मिशन है। मिशन तारकीय अवशेषों या मृत सितारों को समझने की कोशिश करेगा। एक्स-रे फोटॉन और विशेष रूप से उनके ध्रुवीकरण का उपयोग करके, XPoSAT ब्लैक होल और न्यूट्रॉन सितारों के पास से विकिरण का अध्ययन करने में मदद करेगा।