भारत की रूस से बड़ी रक्षा डील, खरीदे जाएंगे 33 फाइटर जेट
नई दिल्ली। रक्षा खरीद परिषद ने भारतीय सैन्य बलों के लिए रक्षा सामान सहित मिग-29 और सुखोई लडाकू विमानों की खरीद की स्वीकृति दी है। रक्षा खरीद परिषद की बैठक में भारतीय सैन्य बलों के लिए आवश्यक उपकरणों की खरीद के लिए विभिन्न प्लेटफार्मों को भी मंजूरी दी गई है। इसके तहत 38 हजार 900 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई है। रूस से सुखोई-30 और मिग-29 विमान खरीदा जाएगा। इससे भारत और रूस के बीच सामरिक सबंध और मजबूत होंगे।
स्वदेश में डिजाइन और विकास पर जोर
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में देश में उत्पादों के स्वदेश में डिजाइन और विकास पर जोर दिया गया। शुक्रवार को जिन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, उनमें भारतीय उद्योगों से 31 हजार 130 करोड़ रुपये तक की खरीद के प्रस्ताव भी शामिल हैं। रक्षा क्षेत्र से संबंधित उपकरणों का निर्माण भारत में किया जाएगा। इसमें विभिन्न सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों की भागीदारी के साथ भारतीय रक्षा उद्योग शामिल है। इनमें से कुछ परियोजनाओं में परियोजना लागत के 80 प्रतिशत तक स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल होता है। अधिकतर परियोजनाओं में यह, भारतीय उद्योगों को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के कारण संभव हुआ है। नई और अतिरिक्त मिसाइल प्रणालियों की खरीद से सेना के तीनों अंगों की ताकत में इजाफा होगा।
लड़ाकू दस्ते को बढ़ाने की आवश्यकता
भारतीय वायुसेना की लम्बे समय से महसूस की जा रही लड़ाकू दस्ते को बढ़ाने की आवश्यकता को पूरा करने के लिए परिषद ने 21 मिग-29 की खरीद के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। इसके अलावा मौजूदा 59 मिग-29 विमान के उन्नयन और 12 सुखोई-30 एमकेआई विमानों की खरीद को भी स्वीकृति दे दी गई है। रक्षा मंत्रालय ने रूस से 33 फाइटर जेट खरीदने की घोषणा की है। इसके लिए कुल बजट 18 हजार 148 करोड़ रखा गया है।