मॉस्को। रूस और यूक्रेन में जारी जंग के बीच रूस यूक्रेन पर सोवियत जमाने की केएच-22 मिसाइल दाग रहा है। ब्रिटेन ने केएच-22 मिसाइल के इस्तेमाल पर तबाही की आशंका जताई है। इस मिसाइल का निर्माण 1960 के दशक में अमेरिका के परमाणु शक्ति संचालित एयरक्राफ्ट कैरियर को डूबाने के लिए किया गया था। हालांकि, ऐसा कोई मौका नहीं आया, जब इस मिसाइल का इस्तेमाल किसी दुश्मन देश के युद्धपोत के खिलाफ किया गया हो।
ब्रिटिश सेना की एक खुफिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रूस यूक्रेन में एंटी शिप केएच-22 मिसाइल का इस्तेमाल जमीनी लक्ष्यों के खिलाफ कर रहा है। यह मिसाइल इतनी खतरनाक है कि इसके हमले से जमीन पर 14 फीट गहरा गड्ढा बन सकता है, जिसका व्यास 5 मीटर तक होता है।
परंपरागत आयुध के साथ 5.5 टन की केएच-22 मिसाइलों का इस्तेमाल किसी लिहाज से ठीक नहीं है। इससे भारी नुकसान हो सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रूसी सैन्य बल पूर्वी यूक्रेन में डोनबास क्षेत्र को कब्जे में लेना चाह रही है। यह क्षेत्र रूस से सटा है और साल 2014 से यहा आंशिक रूप से रूस समर्थक अलगाववादियों का कब्जा है। अब रूस जो मिसाइल उपयोग कर रहा है, वह पारंपरिक और परमाणु वॉरहेड के साथ अपने लक्ष्य को निशाना बना सकती है।
एयर टू सरफेस मिसाइल होने के कारण इसे लड़ाकू विमानों और बमवर्षक विमानों से भी दागा जा सकता है। यह मिसाइल 5,600 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से उड़ान भरकर 600 किलोमीटर की रेंज में दुश्मन के युद्धपोत को नष्ट कर सकती है।