सपा के 71 और आप पार्टी के 52 विधायकों पर आपराधिक मामले
विधानसभा चुनाव: पांच राज्यों में 45 प्रतिशत विजयी उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले
प्रहरी संवाददाता, मुंबई। गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करनेवाले 690 उम्मीदवारों में से लगभग 32 प्रतिशत यानी 219 निर्वाचित जन प्रतिनिधियों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। लगभग 87 प्रतिशत यानी 598 विजयी उम्मीदवार करोड़पति हैं। एक विजेता उम्मीदवार की औसत संपत्ति 8.7 करोड़ रुपये है।
कानून और नैतिक मूल्यों का पाठ पढ़ानेवाली भारतीय जनता पार्टी में सबसे ज्यादा आपराधिक छवि वाले विधायक हैं। भाजपा के कुल 134 विधायकों ने हलफनामे में बताया है कि उनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
हालांकि समाजवादी पार्टी के 71, आम आदमी पार्टी के 52, कांग्रेस के 24 और राष्ट्रीय लोक दल के सात उम्मीदवारों पर भी गंभीर मामले दर्ज हैं।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में दावा किया है कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव जीतने वाले लगभग 45 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
एडीआर ने गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में सभी 690 विजयी उम्मीदवारों के स्व-सत्यापित हलफनामों का विश्लेषण किया है।
रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 690 उम्मीदवारों में से 219 (32 प्रतिशत) जीतने वाले उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। आपराधिक मामले घोषित करने वाले 312 विजयी उम्मीदवारों में से 134 भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के, समाजवादी पार्टी (सपा) के 71, आम आदमी पार्टी (आप) के 52, कांग्रेस के 24 और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के सात उम्मीदवार हैं।
एडीआर के अनुसार, उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 51 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि 39 फीसदी उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। गोवा में 40 प्रतिशत विधायकों पर आपराधिक मामले और 33 प्रतिशत पर गंभीर आपराधिक मामले हैं। इसी तरह पंजाब में 50 प्रतिशत विधायकों पर आपराधिक मामले और 23 प्रतिशत पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
एडीआर ने कहा कि उत्तराखंड चुनाव में 27 प्रतिशत विजयी उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले और 14 प्रतिशत ने गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए, जबकि मणिपुर चुनाव में जीत दर्ज करने वाले 23 प्रतिशत उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं और 18 फीसदी ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।