प्रहरी संवाददाता, लखनऊ। लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर बेबाक राय जाहिर करनेवाले वरुण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से ही बाहर कर दिया गया। भाजपा की नई लिस्ट में वरुण गांधी की जगह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया को शामिल किया गया है। भाजपा के इस ऐक्शन से साफ है कि वरुण को उनके बागी तेवरों की सजा मिली है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में 80 सदस्य होते हैं और पार्टी के अंदर और बाहर कोई भी फैसले लेने में इसकी अहम भूमिका होती है।
बता दें कि किसान मुद्दे को लेकर वरुण कई बार अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करते रहे हैं। लखीमपुर खीरी हिंसा के बाद वरुण के बगावती तेवर तीखे हो गए। भाजपा के कई वरिष्ठ नेता दबी जुबान से भी कुछ बोलने को तैयार नहीं थे, वहीं वरुण इस मामले में खुलकर सोशल मीडिया पर लिख रहे थे।
गुरुवार सुबह वरुण ने एक वायरल वीडियो ट्वीट किया, जिसमें एक जीप प्रदर्शनकारी किसानों को रौंदते हुए जा रही है। वरुण ने ट्वीट किया,वीडियो बिल्कुल साफ है। प्रदर्शनकारियों को हत्या कर चुप नहीं कराया जा सकता। किसानों के खून की जबावदेही होनी चाहिए और अहंकार व क्रूरता का भय बैठने से पहले किसानों को न्याय मिलना चाहिए।’
कार्यकारिणी लिस्ट में यूपी से कई नाम
भाजपा की नई कार्यकारिणी की सूची में यूपी से कई बड़े चेहरों को शामिल किया गया है। इसमें महेंद्रनाथ पांडेय, स्मृति इरानी, ब्रजेश पाठक, अनिल जैन, संजीव बालियान, राजनाथ सिंह, संतोष गंगवार और स्वामी प्रसाद मौर्य का नाम भी जुड़ गया है, लेकिन वरुण और उनकी मां मेनका का नाम नदारद रहा। कैबिनेट विस्तार में भी वरुण को शामिल नहीं किया गया। अगले साल होने वाले यूपी चुनाव में भी कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं दी गई। भाजपा लगातार वरुण गांधी और मेनका गांधी की उपेक्षा कर रही है।
