लखनऊ, 5 अक्टूबर । उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिलों में फैली ‘ड्रोन से चोरी’ की अफवाह अब पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में भी दहशत का कारण बन गई है। रायबरेली से लेकर बलिया और इटावा से देवरिया तक, ड्रोन के जरिये चोरी करने वाले गिरोहों की कहानियां तेजी से फैल रही हैं। पुलिस प्रशासन इन अफवाहों को निराधार बता रहा है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में भय और अविश्वास का माहौल बन गया है।
रायबरेली में शनिवार को फतेहपुर निवासी हरिओम की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। उस पर ड्रोन से घरों को चिन्हित कर चोरी करने वाले गिरोह का सदस्य होने का शक था। पुलिस के अनुसार, हरिओम मानसिक रूप से अस्वस्थ था और ससुराल जा रहा था, तभी अफवाहों के चलते लोगों ने उसे घेर लिया और पीट दिया। मामले में पाँच लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, वहीं ऊंचाहार थाने के एसएचओ को लापरवाही के चलते हटा दिया गया है।
इस घटना से ठीक पहले, रायबरेली में दो युवकों को ड्रोन उड़ाने के आरोप में पकड़ा गया था। दोनों मनोरंजन के लिए वीडियो बना रहे थे, लेकिन गांवों में इसे लेकर दहशत फैल गई। कानपुर में भी इसी तरह की घटनाएं सामने आई हैं। बिधनू क्षेत्र में मानसिक रूप से विक्षिप्त एक व्यक्ति को भीड़ ने पीट दिया, वहीं महाराजपुर के घाघूखेड़ा गांव में एक युवक को संदेह के आधार पर लगभग मार ही डाला गया।
अफवाहें अब हमीरपुर, प्रतापगढ़, देवरिया और बलिया तक पहुंच गई हैं। सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर पुराने वीडियो और एडिट किए गए क्लिप्स तेजी से फैल रहे हैं।
लखनऊ में वरिष्ठ अधिकारी इसे ‘सामूहिक भय सिंड्रोम’ मान रहे हैं। यूपी-112 हेल्पलाइन पर ऐसे मामलों में कॉल की संख्या बढ़ी है, लेकिन कहीं भी ड्रोन से चोरी की पुष्टि नहीं हुई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अगस्त में ही निर्देश जारी किए थे कि ड्रोन उड़ानों को नियंत्रित किया जाए, ड्रोन रजिस्टर बनाया जाए और अफवाह फैलाने वालों पर गैंगस्टर एक्ट और एनएसए के तहत कड़ी कार्रवाई हो।
1 अक्टूबर को बलरामपुर में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने दोहराया, “ड्रोन के नाम पर दहशत फैलाने वालों की संपत्ति जब्त की जाएगी और कठोर कार्रवाई होगी।”