नयी दिल्ली, 15 मार्च 2022 । कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान पिछले साल रेमडेसिविर के कथित रूप से ‘‘नकली’’ इंजेक्शन बेचने वाले गुजरात के दो कारोबारियों की 1.04 करोड़ रुपए मूल्य की सम्पत्तियां धन शोधन रोधी कानून के तहत कुर्क की गई हैं। ईडी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

इंजेक्शन बनाने की पूरी साजिश के ‘‘मास्टरमाइंड’’ वोरा के पास से 89.20 लाख रुपये नकद पाए गए तथा नकली इंजेक्शन के उत्पादन एवं आपूर्ति में सह-साजिशकर्ता शाह के कब्जे से 11.50 लाख रुपये नकद और बैंक में जमा 3.92 लाख रुपये पाए गए।
निदेशालय ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की बिक्री के संबंध में मोरबी पुलिस, गुजरात और इंदौर पुलिस, मध्य प्रदेश द्वारा दर्ज की गई दो अलग-अलग प्राथमिकियों से जुड़ी जांच की, जिसके बाद यह पाया गया कि इनकी ‘‘आपूर्ति श्रृंखला’’ का मूल सूरत का एक निर्माण केंद्र है। इन नकली इंजेक्शन को ग्लूकोज और नमक को मिलाकर बनाया गया और ब्रांडेड मूल इंजेक्शन जैसे स्टिकर वाली शीशियों में रखा गया।’’