मुंबई। भारत में अगले दो महीने के दौरान बिजली संकट पैदा हो सकता है। थर्मल पावर प्लांट (ताप बिजली संयंत्रों) में मानसून से पहले कोयला भंडार की कमी की संभावना जताई गई है। बता दें कि भारत में वर्ष 2021-22 के दौरान कोयले का 77.72 करोड़ टन का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। एक साल पहले यह आंकड़ा 71.60 करोड़ टन रहा था। पिछले साल की तुलना में 8.54 प्रतिशत अधिक उत्पादन हुआ है।
सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी ऐंड क्लिन एयर (सीआरईए) की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि जुलाई-अगस्त तक देश में पर्याप्त कोयला भंडार न होने से बिजली संकट खड़ा हो सकता है। हालांकि खदानों पर लगे ऊर्जा स्टेशनों के पास फिलहाल 1.35 करोड़ टन कोयला भंडार है, जबकि देशभर के पावर प्लांट के पास 2.07 करोड़ टन कोयला भंडार है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कोयला आधारित बिजली संयंत्र कोयला भंडार से जूझ रहे हैं। ऐसे में ऊर्जा की मांग में मामूली बढ़ोतरी को भी यह पावर प्लांट झेलने की स्थिति में नहीं हैं। कोयला परिवहन की योजना मानसून से पहले से बनाने की जरूरत थी। लेकिन वितरण और अधिकारियों की उदासीनता के कारण पर्याप्त कोयला खनन के बावजूद थर्मल पावर प्लांट में पर्याप्त भंडार नहीं रखा गया।