सबसे कम उम्र और पुराने कर्मचारियों ने गंवाई नौकरी: सर्वेक्षण
प्रहरी संवाददाता, मुंबई। फार्च्यून 500 सूची की कंपनियों के बीच कराए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान एक करोड़ से अधिक भारतीयों की नौकरी चली गई। नौकरी गंवाने वालों में सबसे ज्यादा नई उम्र के युवा हैं। इसके साथ ही कंपनी में काम कर रहे सबसे पुराने कर्मचारी भी बेरोजगार हुए हैं। भारत में अप्रैल 2021 के दौरान दो हजार लोगों के बीच यह सर्वे कराया गया।
भारतीय अर्थव्यवस्था का अध्ययन करने वाले शोध संस्थान सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) ने मई में कहा था कि कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण देश में एक करोड़ से अधिक भारतीयों की नौकरी चली गई और बेरोजगारी दर 12 महीने के उच्च स्तर लगभग 12 प्रतिशत को छू गई है।
वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी एफआईएस के इस सर्वे के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर में 55 वर्ष से अधिक आयु वाले छह प्रतिशत कर्मचारियों की नौकरी स्थायी रूप से चली गई। पिछले वर्ष यह आंकड़ा चार प्रतिशत था। इस वर्ष इस आयु वर्ग के सात प्रतिशत कर्मचारियों को अस्थायी छंटनी का सामना करना पड़ा है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 13 प्रतिशत था।
इसी तरह, 24 वर्ष से कम आयु सीमा वर्ग में 11 प्रतिशत कर्मचारियों की नौकरी स्थायी रूप से छूट गई है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष दस प्रतिशत था। सभी आयु श्रेणी में पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष अधिक लोगों की नौकरी गई हैं। 18 से 24 आयु वर्ग के नौ प्रतिशत कर्मचारियों को अस्थायी रूप से काम से हटाया गया। पिछले वर्ष इसी आयु वर्ग के 21 प्रतिशत कर्मचारियों की अस्थायी रूप से छुट्टी की गई थी।