सरकार बदलेगी साक्षरता कार्यक्रम प्रौढ़ शिक्षा का नाम
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और 2021-22 की बजट घोषणाओं के अनुरूप वयस्क शिक्षा के सभी पहलुओं को कवर करने के लिए ‘न्यू इंडिया साक्षरता कार्यक्रम (नव भारत साक्षरता कार्यक्रम)’ को मंजूरी दी है।
नव भारत साक्षरता कार्यक्रम का अनुमानित कुल परिव्यय 1037.90 करोड़ रुपये है, जिसमें वित्त वर्ष 2022-27 के लिए क्रमश 700 करोड़ रुपये का केंद्रीय हिस्सा और 337.90 करोड़ रुपये का राज्य हिस्सा शामिल है।
गौरतलब है कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, देश में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग में गैर-साक्ष्यों की कुल संख्या 25.76 करोड़ (पुरुष 9.08 करोड़, महिला 16.68 करोड़) थी।
वर्ष 2009-10 से वर्ष 2017-18 के दौरान साक्षर भारत कार्यक्रम के तहत साक्षर के रूप में प्रमाणित व्यक्तियों की संख्या में 7.64 करोड़ की प्रगति हुई। इस आधार पर यह अनुमान लगाया गया है कि भारत में लगभग 18.12 करोड़ वयस्क अभी भी गैर-साक्षर हैं।
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, योजना को ऑनलाइन मोड के माध्यम से स्वयंसेवा के माध्यम से लागू किया जाएगा। स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण, अभिविन्यास, कार्यशालाओं का आयोजन फेस-टू-फेस (आमने-सामने) मोड के माध्यम से किया जा सकता है।
आसान पहुंच के लिए सभी सामग्री और संसाधन आसानी से सुलभ डिजिटल मोड, जैसे टीवी, रेडियो, सेल फोन-आधारित फ्री ओपन-सोर्स ऐप व पोर्टल आदि के माध्यम से पंजीकृत स्वयंसेवकों तक डिजिटल रूप से उपलब्ध कराए जाएंगे। यह स्वीकृति वित्त वर्ष 2022-2027 की अवधि के लिए है।