मुंबई। महालेखा नियंत्रक (सीजीए) के आंकड़े के मुताबिक, केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा इस साल मई महीने की समाप्ति पर 1.23 लाख करोड़ रुपये या पूरे साल के बजट अनुमान का 8.2 प्रतिशत रहा है। मई 2020 की समाप्ति पर राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2020-21 के बजट अनुमानों का 58.6 प्रतिशत था। सरकार का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2021-22 की समाप्ति पर राजकोषीय घाटा 15,06,812 करोड़ रुपये या जीडीपी का 6.8 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। इस दौरान केंद्र का कुल व्यय 4,77,961 करोड़ रुपये (बजट अनुमानों का 13.72 प्रतिशत) हुआ।
वित्त वर्ष 2020-21 में राजकोषीय घाटा या व्यय एवं राजस्व के बीच अंतर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 9.3 प्रतिशत था। यह फरवरी में पेश किए बजट के संशोधित बजट अनुमान के 9.5 प्रतिशत से कम रहा था। सीजीए के मुताबिक, केंद्र को मई 2021 में कुल 3,54,787 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल हुआ, जो 2021-22 के बजट अनुमानों का 17.95 प्रतिशत है। इसमें 2.33 लाख करोड़ रुपये कर राजस्व (केंद्र का शद्ध हिस्सा) रहा है, जबकि 1.16 लाख करोड़ रुपयेए का गैर कर राजस्व और 4,810 करोड़ रुपये का गैर ऋण पूंजीगत राजस्व शामिल हैं। गैर ऋण पूंजी राजस्व में 815 करोड़ रुपये के ऋण की वसूली और 3,995 करोड़ रुपये की विनिवेश आय शामिल हैं।

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