मुंबई, 23 मार्च 2025। मुंबई और पुणे के किरायेदारों को जल्द ही सत्यापन के लिए पुलिस स्टेशनों के चक्कर लगाने से राहत मिलने वाली है, क्योंकि पंजीकरण विभाग अपने डेटा को पुलिस विभाग के नेटवर्क से जोड़ने की तैयारी कर रहा है, जो 217 पुलिस स्टेशनों तक फैला हुआ है। पंजीकरण विभाग के अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि यह एकीकरण मुंबई शहर और उपनगरों के 130 पुलिस स्टेशनों और पुणे शहर व ग्रामीण क्षेत्रों के 87 पुलिस स्टेशनों को कवर करेगा। यह पहल के पहले चरण का हिस्सा है, जिसकी योजना पूरे महाराष्ट्र के 1,134 पुलिस स्टेशनों तक इसे विस्तार देने की है।
यह प्रणाली पहले पुणे शहर में पायलट आधार पर शुरू की गई थी, लेकिन सॉफ्टवेयर में संशोधन के चलते इसमें विलंब हुआ। तकनीकी खामियों और सॉफ्टवेयर अपडेट्स को अब सुलझा लिया गया है। किरायेदारों के लिए ई-पंजीकरण हेतु नया अपडेटेड सॉफ्टवेयर और ऑनलाइन किरायेदार सत्यापन प्रणाली अप्रैल के पहले सप्ताह में पुणे और मुंबई में लागू कर दी जाएगी। पूरे राज्य में यह प्रणाली अप्रैल के अंत तक लागू कर दी जाएगी, ऐसा पंजीकरण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया।
डीआईजी आईटी अभय मोहिते ने बताया, “अपडेटेड सॉफ्टवेयर को पुलिस के सीसीटीएनएस नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। इससे नागरिकों को पुलिस स्टेशन जाकर सत्यापन कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह प्रणाली चरणबद्ध तरीके से शुरू की जा रही है।”
यह नया कदम तब सामने आया है जब हाल ही में अतिरिक्त कलेक्टरों ने संपत्ति मालिकों को, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, स्थानीय पुलिस स्टेशनों में किरायेदारों की विस्तृत जानकारी जमा करने के निर्देश दिए हैं। आदेश में किरायेदारों के नाम, पते, तस्वीरें और उन्हें जानने वाले दो लोगों के संदर्भों के साथ ई-पंजीकरण दस्तावेज जमा करना अनिवार्य किया गया है। संपत्ति पंजीकरण कार्यालयों के उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार राज्य में हर महीने लगभग 85,000 से 90,000 लीव एंड लाइसेंस दस्तावेजों का ई-पंजीकरण होता है।