मुंबई। आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण यानी इनकम टैक्स अपीलेट ट्राइब्यूनल (आईटीएटी) की मुंबई शाखा ने स्विस बैंक में जमा की गई 196 करोड़ की संपत्ति की जानकारी न देने के मामले में 80 वर्षीय महिला खाताधारक के खिलाफ केस दर्ज किया है। महिला को संपत्ति पर टैक्स के साथ ही जुर्माना भी अदा करने का आदेश दिया है। महिला ने अपनी वार्षिक कमाई एक लाख 70 हजार रुपये बताई थी और विदेशी के किसी बैंक में खाते से इनकार किया था।
आईटीएटी कर रही है सुनवाई
रेणु थरानी नाम की महिला के खिलाफ आईटीएटी में सुनवाई चल रही है। रेणु थरानी फैमिली ट्रस्ट नाम के स्विस बैंक अकाउंट की अकेली लाभार्थी हैं। यह खाता साल 2004 में जीडब्ल्यू इन्वेस्टमेंट्स नाम से खोला गया था। साल 2005-06 में रेणु थरानी ने जो इनकम टैक्स रिटर्न में विदेशी बैंक में जमा रकम का खुलासा नहीं किया था। जीडब्ल्यू इन्वेस्टमेंट्स कंपनी ने अपने फंड्स को फैमिली ट्रस्ट को ट्रांसफर कर दिया था।
टैक्स से बचने अनिवासी बताया
आयकर विभाग के अनुसार, इस विदेशी ट्रस्ट के लाभार्थियों ने किसी भी विदेशी बैंक में खाता होने से इनकार कर दिया था। इनमें से दो करदाताओं ने टैक्स से बचने के लिए खुद को अनिवासी घोषित किया था। प्रवासी भारतीयों को अपनी विदेशी आय के लिए भारत में टैक्स नहीं देना होता है। स्विस बैंक में थरानी की तकरीबन 4 करोड़ डॉलर की रकम जमा है। इस संबंध में आईटी ने 31 अक्टूबर 2014 को नोटिस जारी किया था। थरानी ने एक हलफनामे के जरिए कहा कि जेनेवा के एचएसबीसी बैंक में उनका कोई अकाउंट नहीं है। इसके अलावा वह जीडब्ल्यू इन्वेस्टमेंट्स में शेयरधारक भी नहीं हैं।
पीठ ने की कड़ी टिप्पणी
थरानी ने खुद के ‘अनिवासी’ होने का दावा किया और कहा कि कथित आय के लिए उन पर कर नहीं लगाया जा सकता। मामले की सुनवाई के दौरान प्रमोद कुमार और अमरजीत सिंह की पीठ ने कहा कि अगर थरानी की इनकम टैक्स रिटर्न को ध्यान में रखा जाए तो जितना धन उनके स्विस बैंक खाते में है उसे कमाने के लिए उन्हें 13 हजार 500 साल लगे होंगे। जीडब्ल्यू इन्वेस्टमेंट्स विवादित संस्था है, उसे मनी लॉन्ड्रिंग कराने के लिए जाना जाता है।