आगरा। पहली बार भारतीय वायु सेना (आईएएफ) अपने रनवे से पक्षियों और जानवरों को भगाने के लिए भारतीय नस्ल के कुत्ते मुधोल हाउंड का उपयोग करने जा रही है। पक्षियों के विमानों से टकराने के खतरे को कम करने के लिए 4 मुधोल हाउंड पपी को कर्नाटक से आगरा एयरबेस लाया गया है।
कर्नाटक के बागलकोट जिले के कैनाइन रिसर्च एंड इन्फॉर्मेशन सेंटर (सीआरआईसी) की ओर से उप मुख्यमंत्री गोविंद एम. करजोल ने भारतीय वायु सेना को यह मुधोल हाउंड पपी सौंपे। वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘लैपविंग और लार्क्स जैसे जमीन पर रहने वाले पक्षियों से निपटने के लिए हाउंड्स को विशेषज्ञों द्वारा ट्रेनिंग दी जाएगी। कई रनवे पर पक्षियों का विमान से टकराना एक बड़ी समस्या है। आत्मनिर्भर भारत के तहत हमने इस काम के लिए देसी नस्ल को चुनने का फैसला किया। इस नस्ल के गुणों और स्वभाव को पक्षियों को डराने के लिए सही पाया गया है। अभी यह पायलट प्रोजेक्ट है, इसके सफल होने पर अन्य स्टेशंस पर भी यह प्रयोग किया जाएगा।’
विशेषज्ञों का कहना है कि यह नस्ल अपनी बेहतरीन स्टेमना, कुशाग्रता और फुर्ती के लिए जानी जाती है। इसके अलावा वे मालिकों के प्रति खासे वफादार होते हैं और बेहतरीन शिकारी कुत्ते होते हैं। इससे पहले भी इस नस्ल के कुत्तों को भारतीय सेना, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, बीएसएफ, एसएसबी, आईटीबीपी और कुछ राज्यों के पुलिस विभागों द्वारा भर्ती किया गया है।
बता दें कि कुछ हफ्ते पहले ही वायु सेना के अधिकारियों ने 7 पपी का ऑर्डर दिया था। इसके बाद सभी औपचारिकताएं पूरी की गईं और फिर सेना को 4 पपी सौंप दिए गए। बाकी 3 पपी 6 महीने बाद दिए जाएंगे। 1920 में मुधोल के घोरपड़े राजाओं ने स्थानीय कुत्तों की पर्शियन और टर्किश कुत्तों के साथ क्रॉस ब्रीडिंग कराके मुधोल हाउंड्स ब्रीड तैयार की थी।

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