मुंबई। सऊदी अरामको ने रिलायंस इंडस्ट्रीज में निवेश रद्द होने की सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेल की कीमतों में आई कमी के बावजूद अभी भी रिलायंस इंडस्ट्रीज के परिशोधन और पेट्रोकेमिकल्स कारोबार में 15 अरब डॉलर निवेश के सौदे पर बातचीत जारी है।
अरामको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमीन नासर ने कंपनी के तिमाही नतीजों पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा ,”रिलायंस के साथ हमारी बातचीत अभी भी जारी है, हम रिलायंस सौदै के बारे में अपने शेयरधारकों को उचित समय पर नवीनतम जानकारी देंगे। ”
रिलायंस इंडस्ट्रीज की इस वर्ष 15 जुलाई को हुई 43वीं सालाना आम बैठक (एजीएम) में चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा था कि कोविड-19 महामारी से पैदा हुई अभूतपूर्व परिस्थितियों की वजह से सऊदी अरामको के साथ प्रस्तावित सौदा समय से पूरा नहीं हो पाया है, लेकिन हम सऊदी अरामको के साथ अपने दो दशक से ज्यादा के कारोबारी संबंधों का सम्मान करते हैं और उसके साथ लम्बी अवधि की भागीदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं।
आरआईएल ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में भी कहा है कि सऊदी अरामको के साथ डील पर बातचीत चल रही है। डील होने के बाद सऊदी अरामको की उन्नत टेक्नोलॉजी का लाभ आरआईएल को मिलेगा। डील में देरी की वजह से इसके रद्द होने की आशंका जताई जा रही थी, अब अरामको के सीईओ ने डील रद्द होने की सभी आशंकाओं पर विराम लगा दिया है।
दुनिया के चौथे सबसे अमीर मुकेश अंबानी ने पिछले साल अरामको की डील के बारे में जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि रिलायंस के रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल्स कारोबार में अरामको 20 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगा। रिलायंस के साथ यह डील सऊदी अरामको के लिए भी महत्वपूर्ण है। अरामको दुनिया का सबसे बड़ा कच्चे तेल का निर्यातक है। रिलायंस के साथ सौदा कर वह रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल्स के क्षेत्र में अपनी स्थिती मजबूत करना चाहता है।
सऊदी अरामको ने बताया कि तिमाही की शुद्ध आय एक साल पहले की तुलना में लगभग 75 प्रतिशत कम रही। कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 33 प्रतिशत की गिरावट इसकी मुख्य वजह रही। कोरोना वायरस महामारी का व्यापार और आवागमन उद्योग को लगभग शिथिल कर दिया है जिससे ईंधन की मांग में बड़ी कमी आई है।
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