कृषि संशोधन बिल पर जारी है हंगामा
नई दिल्ली। कृषि बिलों पर चर्चा के दौरान रविवार को राज्यसभा में जो कुछ भी हुआ, सभापति एम. वेंकैया नायडू उससे खासे नाराज दिखे। सरकार ने आठ विपक्षी सदस्यों को मौजूदा सत्र के बाकी समय के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया। राज्यसभा के सभापति ने उपसभापति हरिवंश के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया और कहा कि विपक्ष को आत्मपरीक्षण करना चाहिए।
विपक्ष की बात नहीं मानी
बता दें कि विपक्ष ने एक दिन पहले रविवार को कृषि से संबंधित दो विधेयकों पर विपक्ष के संशोधनों पर मतविभाजन की मांग ‘‘स्वीकार” नहीं किए जाने को लेकर उपसभापति के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया था। सभापति नायडू ने कहा कि सदन की कार्यवाही के रिकार्ड के अनुसार उपसभापति ने सदस्यों को अपने स्थानों पर जाने और सदन में हंगामा नहीं करने तथा अपने संशोधन पेश करने के लिए बार बार कहा था।
संसद के मॉनसून सत्र का आठवां दिन भी हंगामेदार रहा। राज्यसभा में विपक्षी सांसदों के हंगामे का मुद्दा उठा। सदन में किसान बिल को लेकर तनाव के माहौल के बीच सोमवार को राज्यसभा में राज्यमंत्री राव साहेब दानवे तीसरे किसान बिल द एसेंशिएल कमोडिटीज़ (एमेंडमेंट) बिल, 2020 को पेश करेंगे।
नियम का पालन नहीं किया
सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नायडू ने कहा, उपसभापति ने यह भी कहा था कि सदस्य अपने स्थानों पर लौट जाएं उसके बाद वह मतविभाजन कराएंगे। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ पेश किया गया प्रस्ताव निर्धारित प्रारूप में नहीं है और इसके लिए जरूरी 14 दिनों के समय का भी पालन नहीं किया गया है। सभापति ने कहा कि रविवार को हंगामे के दौरान सदस्यों का व्यवहार आपत्तिजनक और असंसदीय था। राज्यसभा के लिए बहुत खराब दिन था। इस दौरान सदस्यों ने उपसभापति के साथ अमर्यादित आचरण भी किया।
बैठक स्थगित
इस दौरान सदन में हंगामा जारी रहा और सरकार ने आठ विपक्षी सदस्यों को मौजूदा सत्र के शेष समय के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदन ने ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया। निलंबित किए गए सदस्यों में तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, कांगेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा, आप के संजय सिंह, माकपा के केके रागेश और इलामारम करीम शामिल हैं। इस दौरान सदन में हंगामा जारी रहा और सभापति ने नौ बजकर करीब 40 मिनट पर बैठक 10 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।