मुंबई। मालेगांव में 2008 में हुए विस्फोटों के मामले में सुनवाई कर रही एक विशेष एनआईए अदालत ने मंगलवार को भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत सभी सात आरोपियों को तीन दिसंबर को उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है। घटना के एक पीड़ित के परिवार ने मामले में दैनिक आधार पर सुनवाई का अनुरोध किया था, जिसके बाद अदालत ने यह निर्देश दिया। मामले की जांच राष्ट्रीय जांच अभिकरण (एनआईए) कर रहा है।
बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति पी. आर. सितरे ने सभी आरोपियों को अदालत में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। रोजाना सुनवाई की याचिका पर विशेष लोक अभियोजक अविनाश रसल ने कहा कि वे जल्दी से सुनवाई पूरी करने को तैयार हैं, लेकिन उन्हें गवाहों का पता लगाना है, जो बहुत बोझिल काम है। जांच एजेंसी ने अदालत को यह भी बताया कि मामले में पूर्व में सुनवाई कर रहे न्यायाधीश के सेवानिवृत्त होने और कोविड-19 महामारी की वजह से सुनवाई विलंबित हुई है।
अदालत ने इस मामले में अक्टूबर 2018 में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, प्रज्ञा सिंह ठाकुर और पांच अन्य आरोपियों के खिलाफ आतंकवाद के मामले में आरोप तय किये थे। एनआईए ने कहा कि आरोप तय किये जाने के बाद वह मामले में तेजी से सुनवाई पूरी होने के हरसंभव प्रयास कर रही है। मामले में 400 गवाहों में से करीब 140 का परीक्षण हो चुका है।