लखनऊ। उत्तर प्रदेश का फर्जी शिक्षक मामला सुर्खियों में है। मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी गई है। अब बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में एक ही पैन नंबर पर काम करने वाले शिक्षकों की तलाश के लिए एसटीएफ ने आयकर विभाग से ऐसे पैन नंबरों सूची मांगी है, जिन्होंने हाल में अपने नंबर ठीक करवाए हैं।
एसटीएफ का मानना है कि मामले का खुलासा होने के बाद फर्जी दस्तावेजों और पैन नंबर के आधार पर नौकरी करने वाले कथित शिक्षकों ने अपने पैन नंबर ठीक कराए हैं। आईजी एसटीएफ के अनुसार, सूबे में ऐसे शिक्षकों की संख्या ढाई हजार से ऊपर है, जिन्होंने अपने पैन कार्ड को अपडेट कराया है। गृह विभाग ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर परिषदीय स्कूलों में नौकरी करने वाले शिक्षकों के मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी है।
आईजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि जब वास्तविक पैन नंबर धारक के पास आयकर विभाग द्वारा नोटिस भेजी गई तब इस जालसाजी का खुलासा हुआ था। बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात फर्जी शिक्षकों की भर्ती का राज अब उनके पैन कार्ड से खुलेगा। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 2013 के बाद नियुक्त हुए ऐसे शिक्षकों की सूची तैयार करवा रहे हैं, जिन्होंने अपना पैन कार्ड इस दौरान बदला है। इनका मिलान शिक्षकों की सर्विस बुक और मूल प्रमाण पत्रों से किया जाएगा।