जीएसटी में संशोधन की मांग को लेकर 26 फ़रवरी को भारत व्यापार बंद
समाचार प्रहरी, मुंबई।
कारोबारी संगठनों ने जीएसटी को पूरी तरह से एक फेल कर प्रणाली करार दिया है। संगठनों का कहना है कि पिछले चार वर्ष में लगभग 937 से ज़्यादा बार संशोधन होने के बाद जीएसटी का बुनियादी ढांचा ही बदल गया है। जीएसटी काउंसिल और केंद्र व राज्य सरकारों ने अपने स्वार्थ के लिए जीएसटी के बुनियादी ढांचे को ही बदल दिया है। कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने जीएसटी के विकृत रूप के ख़िलाफ़ आगामी 26 फ़रवरी को भारत व्यापार बंद की घोषणा की है। ट्रांसपोर्ट सेक्टर के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफ़ेयर एसोसिएशन ने भी कैट के भारत व्यापार बंद आंदोलन का समर्थन किया है। 26 फ़रवरी को देश भर में चक्का जाम किया जाएगा।
बता दें कि नागपुर में तीन दिवसीय राष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन शुरू हुआ है। इस सम्मेलन में देश के सभी राज्यों के 200 से अधिक प्रमुख व्यापारी प्रतिनिधियों की मौजूदगी रही। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया, राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल तथा ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफ़ेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप सिंघल ने कहा कि जीएसटी काउन्सिल ने जीएसटी के स्वरूप को अपने फ़ायदे के लिए विकृत कर दिया है। जीएसटी पूरी तरह से एक फेल कर प्रणाली साबित हुई है। जीएसटी का जो मूल स्वरूप है, उसके साथ खिलवाड़ किया गया है। सभी राज्य सरकारें भी अपने निहित स्वार्थ के प्रति ज़्यादा चिंतित हैं। उन्हें कर प्रणाली के सरलीकरण क़ी कोई चिंता नहीं है।