नई दिल्ली। ऑनलाइन पैथोलॉजी लैब को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है, जिस पर कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा। जनहित याचिका में ऑनलाइन पैथोलॉजी लैब को दिल्ली में बंद करने के लिए कोर्ट से गुहार लगाई है। कोर्ट में यह भी बताया गया कि इस संबंध में जानकारी के लिए आरटीआई भी दाखिल की गई, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली।
दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में यह भी कहा गया है कि ऑनलाइन चल रहीं ये पैथोलॉजी लैब्स को न तो आईसीएमआर से और न ही नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरी (एनएबीएल) से अप्रूवल हासिल है। ऑनलाइन चल रहे लैब को अवैध बताया गया है।
बिना अनुमति ले रही हैं सैम्पल्स
जनहित याचिका में यह भी कहा गया है कि अथॉरिटीज की स्वीकृति के बिना ये ऑनलाइन पैथोलॉजी लैब्स शहर में लोगों के ब्लड सैंपल ले रही हैं, जिससे आम लोगों का जीवन खतरे में है। इसके अलावा जो लोग ब्लड सैंपल लेने जाते हैं उनके पास एजुकेशन या किसी तरह की आवश्यक डिग्री भी नहीं होती है।एक डॉक्टर की ओर से लगाई गई इस याचिका में कोर्ट से इस मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत सुनवाई करने की अपील की गई है। याचिकाकर्ता ने अपनी अर्जी में बताया है कि ऑनलाइन चलने वाले ये पैथोलॉजी लैब्स बॉयो मेडिकल वेस्ट के निपटारे के भी पर्याप्त इंतजाम नहीं रखती हैं जो बेहद घातक है।
कोरोना काल में ज्यादा खतरनाक
बॉयोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 के मुताबिक पैथोलॉजिकल लैब्स को राज्य के पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड या पोल्यूशन कंट्रोल कमेटी के द्वारा रजिस्टर्ड होना जरूरी है, लेकिन ऑनलाइन चल रही पैथोलॉजिकल लैब्स के पास कोई प्रमाण नहीं है। याचिका में इस बात पर जोर दिया गया है कि ऑनलाइन चल रहीं ये पैथोलॉजी लैब्स इंफेक्शन को और बढ़ाने में सहायक हैं और कोविड-19 के दौर में इसके परिणाम बेहद घातक साबित हो सकते हैं। बॉयोमेडिकल वेस्ट को भी यह पैथोलॉजिकल लैब खुले में ही फेंक रही हैं, जो आसपास रह रहे लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
आरटीआई से भी नहीं मिली जानकारी
कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि इस याचिका को लगाने से पहले आईसीएमआर और स्वास्थ्य मंत्रालय में एक आरटीआई भी लगाई गई थी, जिसमें ऑनलाइन चल रही पैथ लैब्स को लेकर जानकारी मांगी गई थी, लेकिन इस बारे में भी काफी वक्त बीतने के बाद आरटीआई का कोई जवाब याचिकाकर्ता को अभी तक नहीं मिल सका है। ऑनलाइन पैथोलॉजी लैब्स को लेकर आईसीएमआर से भी शिकायत की गई है।