नई दिल्ली। कोरोना महामारी के कारण उद्योग सेक्टर ठप हो गए हैं। एविएशन सेक्टर पर भी इसका काफी बुरा असर हुआ है। इसी बीच, आर्थिक संकट में गुजर रही एयर इंडिया की हालत विकट हो गई है। कई एयरलाइन कंपनियां छंटनी के साथ-साथ कर्मचारियों को जबर्दस्ती बिना वेतन के ही जबरन छुट्टी पर भेज रही हैं। एयर इंडिया ने अपने कुछ कर्मचारियों को जबर्दस्ती एलडब्ल्यूपी यानी लीव विदाउट पे पर भेजने का फैसला किया है।
आर्थिक संकटों में घिरी सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया ने छंटनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत विमानन कंपनी अपने कर्मचारियों को लगभग पांच साल तक के लिए बिना वेतन अनिवार्य अवकाश पर भेजने का निर्णय लिया है। एक आधिकारिक आदेश के मुताबिक निदेशक मंडल ने एयर इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राजीव बंसल को कर्मचारियों की उपयुक्तता, दक्षता, क्षमता, प्रदर्शन की गुणवत्ता, कर्मचारी का स्वास्थ्य, पहले ड्यूटी के समय अनुपलब्धता के आधार पर छह महीने या दो साल के लिए बिना वेतन अनिवार्य अवकाश पर भेजने के लिए अधिकृत किया है। हालांकि यह अवधि पांच साल तक बढ़ाई जा सकती है।
एयर इंडिया ने 14 जुलाई को आदेश जरी किया था, जिसमें कहा गया है कि मुख्यालय में विभागों के प्रमुखों के साथ-साथ क्षेत्रीय कार्यालयों के निदेशक उपरोक्त कसौटियों के आधार पर प्रत्येक कर्मचारी का मूल्यांकन करेंगे और बिना वेतन अनिवार्य अवकाश के विकल्प के मामलों की पहचान करेंगे। कर्मचारियों के नामों को अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक की आवश्यक मंजूरी के लिए मुख्यालय में महाप्रबंधक (कार्मिक) को अग्रसारित किया जाना चाहिए। एयर इंडिया के प्रवक्ता ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस की महामारी की वजह से भारत और अन्य देशों में यात्रा पर लगे प्रतिबंध की वजह से विमानन कंपनियों पर बहुत अधिक असर हुआ है। भारत की सभी विमानन कंपनियों ने वेतन में कटौती, बिना वेतन छुट्टी पर भेजने, कर्मचारियों को निकालने सहित अन्य उपाय खर्चों में कटौती के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है।