ताज़ा खबर
OtherTop 10ताज़ा खबरदुनियाबिज़नेसभारतराज्य

एफआरएल और अमेजॉन विवाद में कानून के अनुसार निर्णय करें

अदालत ने नियामक को निर्देश दिया, फ्यूचर रिटेल को फिर भी राहत नहीं
अमेजन अधिकारियों को बता सकेगी सिंगापुर की अदालत का फैसला

नई दिल्लीः देश के सबसे बड़े रिटेल सौदे की राह में आ रही बाधाओं के दूर होने का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है। सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने किशोर बियानी की अगुवाई वाले फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) और अमेजॉन विवाद मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए नियामक को निर्देश दिया कि वे फ्यूचर ग्रुप के आवेदन व आपत्तियों पर कानून के अनुसार निर्णय करें।

हालांकि न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने एफआरएल की उस दलील को अदालत ने खारिज कर दिया, जिसमें अमेजॉन को सिंगापुर की अदालत के फैसले के बारे में सेबी, सीसीआई को लिखने से मना करने की अपील की गई थी। मामला पिछले साल अगस्त में फ्यूचर समूह की कंपनी फ्यूचर कूपन्स लिमिटेड में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी का अमेजन द्वारा अधिग्रहण किए जाने और इसी के साथ समूह की प्रमुख कंपनी फ्यूचर रिटेल में पहले हिस्सेदारी खरीदने के अधिकार से जुड़ा है।

याचिका में दावा किया गया था कि अमेजन 24,713 करोड़ रुपये के रिलायंस- फ्यूचर सौदे पर आपातकालीन न्यायाधिकरण के फैसले के बारे में अधिकारियों को लिख रही है। अदालत ने कहा, ‘एफआरएल द्वारा अंतरिम निषेधाज्ञा की प्रार्थना को नकारते हुए मौजूदा याचिका को खारिज किया जाता है। हालांकि, वैधानिक अधिकारियों/ नियामकों को निर्देश दिया जाता है कि वे कानून के अनुसार आवेदनों/ आपत्तियों पर निर्णय लें।’

न्यायालय ने आदेश में कहा कि एफआरएल ने अंतरिम निषेधाज्ञा जारी करने के लिए आवेदन किया है, लेकिन पहली नजर में सुविधा संतुलन फ्यूचर रिटेल और अमेजन दोनों के पक्ष में है, और क्या किसी भी पक्ष को कोई अपूरणीय क्षति होगी, यह मुकदमे की सुनवाई के दौरान या सक्षम मंच द्वारा निर्धारित किया जाना है।


अदालत ने आगे कहा कि उसने इस वजह से भी अंतरिम निषेधाज्ञा नहीं दी, क्योंकि एफआरएल और अमेजन, दोनों ही वैधानिक प्राधिकारियों या नियामकों के समक्ष अपनी बात कह चुके हैं और अब इस बारे में ‘वैधानिक प्राधिकारियों/ नियामकों को निर्णय लेना है।

’सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण केंद्र (एसआईएसी) ने 25 अक्टूबर के अपने आदेश में अमेजन के पक्ष में फैसला देते हुए फ्यूचर रिटेल लिमिटेड पर कंपनी की परिसंपत्तियों के किसी भी तरह के हस्तांतरण, परिसमापन या किसी करार के तहत दूसरे पक्ष से कोष हासिल करने के लिए प्रतिभूतियां जारी करने पर रोक लगाई है।

Related posts

डोंबिवली एमआईडीसी में भीषण विस्फोट, आठ लोगों की मौत, 60 घायल

Prem Chand

यमन के विद्रोहियों ने सऊदी अरब हवाईअड्डे पर हमला किया

samacharprahari

पति-पत्नी की लड़ाई में उड़ता विमान भी धरती पर उतारा गया

samacharprahari

जेट एयरवेज की उड़ान भरने से पहले पीएनबी का अड़ंगा

Prem Chand

भारत के फॉरेक्स रिजर्व में भारी गिरावट, स्वर्ण भंडार बढ़ा

samacharprahari

भगोड़े मोदी को बड़ा झटका, दिवालिया अदालत में अपील खारिज

samacharprahari