चीन की कंपनियों से खरीदे गए थे उपकरण
मुंबई। क्राइम ब्रांच ने पिछले महीने अवैध वीओआईपी (वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल) का भंडाफोड़ किया था। इस फर्जी एक्सचेंज को संचालित करने में कुछ चीनी कंपनियों की संलिप्तता सामने आई है। क्राइम ब्रांच की ओर से बताया गया कि 7 महीने से अधिक समय तक एक्सचेंज चलाया गया। जम्मू-कश्मीर के इलाकों में यहां से लाखों कॉल की गई है। क्राइम ब्रांच ने संदेह जताया है कि इनमें से कुछ कॉल सैन्य प्रतिष्ठानों को भी की गई थी।
कॉल को किया जाता था डायवर्ट
पूछताछ के दौरान आरोपी ने खुलासा किया है कि तीन चीनी कंपनियां इस एक्सचेंज को चलाने में शामिल थीं। कॉल को रूट करने और एक्सचेंज को पैसे कमाने में मदद की। सारे उपकरण चीन से खरीदा गया था। सैन्य खुफिया एजेंसी से प्राप्त एक जानकारी के आधार पर मुंबई क्राइम ब्रांच और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त रूप से 30 मई को टेलीफोन एक्चेंज पर छापा मारा था।
इससे पहले फरवरी में मिलिट्री इंटेलिजेंस और जम्मू-कश्मीर पुलिस की एंटी टेरर विंग के साथ एक संयुक्त अभियान में मुंबई क्राइम ब्रांच ने केरल और उत्तर प्रदेश में भी टेलीफोन एक्सचेंजों से जुड़े एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया था। इस दौरान मुंबई क्राइम ब्रांच ने एक शख्स को गिरफ्तार किया था, जिससे पता चला कि आरोपी का कथित हैंडलर एक चीनी नागरिक भी था।