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“सरकार हमारी है, पुलिस जेब में है”: हरिदास पट्टी में तिवारी परिवार की दबंगई, जबरन किया रास्ता बंद

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प्रशासन की चुप्पी बनी खतरे की घंटी

हरिदास पट्टी में तिवारी परिवार ने किया आबादी भूमि पर कब्ज़ा

✍🏻डिजिटल न्यूज डेस्क, हरिदास पट्टी (जौनपुर)। गांव की आबादी भूमि पर एक बड़े कब्जे और रास्ता बंद करने की घटना से क्षेत्र में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। गांव के ही तिवारी परिवार खुलेआम धमकी देता है कि “सरकार उनकी है, पुलिस उनकी जेब में है।” यहां तक कि यादव परिवार की बुजुर्ग महिलाओं को भी गाली दी जा रही है।

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बता दें कि गांव के ही कुछ दबंग और प्रभावशाली व्यक्तियों त्रिभुवन तिवारी, ऋषि तिवारी, अशोक तिवारी सहित अन्य द्वारा कथित रूप से गाटा संख्या 285 पर जबरन कब्जा कर वहां रहने वाले यादव परिवार को बेदखल करने की कोशिश की जा रही है। इस दौरान न केवल यादव परिवार के पारंपरिक आवागमन मार्ग को बाधित कर दिया गया है, बल्कि धमकी और गाली-गलौज तक की घटनाएं सामने आ रही हैं। स्थानीय पुलिस की खामोशी और प्रशासनिक निष्क्रियता ने हालात को और विस्फोटक बना दिया है।

गौरतलब है कि उक्त गाटा संख्या 285 आबादी भूमि के रूप में दर्ज है। यह आबादी भूमि में कई नंबर समाहित किए गए हैं। इस आबादी भूमि के कुछ हिस्से पर दशकों से प्रार्थीगण और उनके पूर्वजों का वैध व शांतिपूर्ण कब्जा रहा है। इस भूमि पर पेड़-पौधे हैं और यहीं सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन होता रहा है। यही नहीं, इसी भूमि पर पुश्तैनी पारिवारिक संस्कार, विवाह व धार्मिक अनुष्ठान भी होते आए हैं। गाटा के पश्चिम में स्थित पारंपरिक चकरोड से होकर न सिर्फ प्रार्थीगण, बल्कि कई अन्य किसान अपने खेतों तक ट्रैक्टर और अन्य वाहनों से पहुंचते हैं।

लेकिन हाल ही में दबंग तिवारी परिवार द्वारा इस जमीन पर दावा कर न केवल अवैध कब्जे का प्रयास किया गया, बल्कि रास्ता भी पूरी तरह बाधित कर दिया गया। चारों तरफ से तार लगा दिया है। इससे यादव परिवार के रोजमर्रा के जीवन, सुरक्षा, और धार्मिक-सामाजिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला हुआ है।

स्थिति की गंभीरता इस बात से भी स्पष्ट होती है कि विपक्षीगण द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्रशासन को भ्रमित करने और पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस से शिकायत के बावजूद चुप्पी साधे बैठी है।

उधर, पीड़ित परिवार जनसुनवाई पोर्टल पर पिछले तीन महीने से लगातार आवेदन कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। जनसुनवाई रेफरेंस क्रमांक 40019425056862, 40019425056853, 40019425025532 और 40015524060288 है। 

यह संपूर्ण घटना भारतीय दंड संहिता की धारा 441, 425, 503, 506 व 120बी सहित, उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा 28, 106, 143 और संविधान के अनुच्छेद 19(1)(d), 21, तथा 300A के स्पष्ट उल्लंघन की श्रेणी में आता है। बावजूद इसके, अब तक स्थानीय पुलिस व राजस्व विभाग की ओर से कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है।

यादव परिवार का कहना है कि कुछ दिनों में उनके यहां वैवाहिक कार्यक्रम है, सभी परिवार तैयारियों में जुट हैं। अगर परिवार के सदस्यों के साथ कुछ अनहोनी होती है तो पुलिस प्रशासन और अधिकारी जिम्मेदार होंगे।

 

प्रार्थी परिवार ने प्रशासन से मांग की है कि स्थल का तत्काल निरीक्षण कराकर उन्हें गाटा संख्या 285 पर वैध सुरक्षा प्रदान की जाए तथा पश्चिमी निकास मार्ग को पुनः सुचारु किया जाए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने थाना बदलापुर और चौकी इंचार्ज घनश्यामपुर से भी कानून-व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है।

गांव में हालात बेहद तनावपूर्ण हैं और कभी भी टकराव की स्थिति बन सकती है। लेकिन स्थानीय प्रशासन की चुप्पी ने यादव परिवार को असमंजस और भय की स्थिति में डाल दिया है। पीड़ित परिवार का कहना है कि यदि जल्द कोई कदम नहीं उठाया गया, तो यह मामला किसी बड़े हादसे का कारण बन सकता है। तिवारी परिवार मारपीट पर उतारू है और शहर में रहनेवालों को फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दे रहा है।

 


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