नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा है कि आरबीआई के पास पॉलिसी स्पेस है। ब्याज दरें आगे नहीं घटेंगी ये कहना सही नहीं है। जरूरत पड़ने पर पॉलिसी स्पेस का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज की सबसे बड़ी चुनौती अनिश्चितता है। मैं हमेशा आशावादी रहता हूं। हम कोरोना के खिलाफ जंग जीत कर रहेंगे।
बैंकों की हेल्थ बहुत महत्वपूर्ण
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि फिलहाल महंगाई को लेकर कोई बाधाएं नहीं हैं। आगे की स्थिति पर अभी टिप्पणी करना ठीक नहीं है। रिजर्व बैंक कई पहलुओं के मद्देनजर फैसले लेता है। महंगाई अकेला पहलू नहीं है। आरबीआई की सेक्शन 45 ZA में पॉलिसी को लेकर स्पष्टता है। उन्होंने कहा कि जल्द ही 3 बाहरी सदस्यों के साथ एक नया एमपीसी का गठन किया जाएगा। रेजॉल्यूशन फ्रेमवर्क पर सोच-समझकर फैसला लिया गया है। हमारे लिए बैंकों की हेल्थ बहुत महत्वपूर्ण है। कोविड के दौर में बिजनेस काफी मुश्किल में है। ऐसे में रोजगार वाले बिजनेस को बचाने को प्राथमिकता जी जाएगी।
मोरेटोरियम एक अस्थायी सोल्यूशन
मोरेटोरियम पर बात करते हुए केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा कि मोरेटोरियम एक अस्थायी सॉल्यूशन था। मोरेटोरियम के बजाय स्थायी हल निकालना जरूरी है। रेजॉल्यूशन ने मोरेटोरियम को रिप्लेस किया है। मोरेटोरियम किसको देना है ये बैंक निर्णय लेंगे।
रेजॉल्यूशन फ्रेमवर्क रिपोर्ट 6 सितंबर तक आ जाएगी
आरबीआी गवर्नर ने कहा कि के. वी. कामथ कमिटी की सिफारिश बिजनेस लोन पर होगी। रेजॉल्यूशन फ्रेमवर्क रिपोर्ट 6 सितंबर तक आ जाएगी। पर्सनल लोन पर बैंक रीस्ट्रक्चरिंग कर सकते हैं। COVID संकट में ही रेजॉल्यूशन फ्रेमवर्क लागू होगा। रेजॉल्यूशन फ्रेमवर्क सभी मामलों में लागू नहीं होगा। सरकार ने कर्जदारों को राहत देने के लिए कई कदम उठाए हैं। रियल एस्टेट पर भी सरकार ने बैंकर्स, एक्सपर्ट्स से चर्चा के बाद कई अहम फैसले लिए हैं। बहुत सारे बिजनेस जो संकट में थे उनको राहत दी गई है। पीएसयू में विनिवेश पर सरकार उचित फैसला लेगी।