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‘2014 से ही चुनावी प्रणाली पर शक’, गांधी का बड़ा बयान
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चुनाव आयोग का जवाब: राहुल के आरोप निराधार और गैरजिम्मेदाराना
✍🏻 डिजिटल न्यूज डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिल्ली में आयोजित ‘एनुअल लीगल कॉन्क्लेव’ में चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि देश में चुनाव आयोग का कोई अस्तित्व नहीं है और यह पूरी तरह पक्षपातपूर्ण हो चुका है। गांधी ने कहा, “2014 से मुझे चुनावी प्रणाली पर शक था। गुजरात विधानसभा और हाल के लोकसभा चुनावों में एक पार्टी की भारी जीत संदेह पैदा करती है।” उन्होंने राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात में कांग्रेस को एक भी सीट न मिलने पर सवाल उठाए।
राहुल ने महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए कहा, “लोकसभा चुनाव में हम जीते, लेकिन चार महीने बाद विधानसभा चुनाव में हम पूरी तरह हार गए। तीन मजबूत पार्टियां अचानक गायब हो गईं।” उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच एक करोड़ नए मतदाता जोड़े गए, जिनमें से ज्यादातर वोट भाजपा को गए। गांधी ने दावा किया, “हमारे पास सबूत हैं कि चुनाव आयोग अब नहीं रहा। एक लोकसभा क्षेत्र में 6.5 लाख मतदाताओं में 1.5 लाख फर्जी पाए गए।”
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग मतदाता सूची की डिजिटल प्रतियां उपलब्ध नहीं कराता और न ही स्कैन करने योग्य दस्तावेज देता है। गांधी ने एक दिन पहले संसद भवन में कहा था, “चुनाव आयोग वोट चोरी कर रहा है और यह भाजपा के लिए हो रहा है। यह राजद्रोह है।” उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी, “रिटायर हों या कहीं भी हों, हम आपको ढूंढ निकालेंगे।”
चुनाव आयोग ने इन आरोपों का खंडन किया और उन्हें निराधार बताया। आयोग ने कहा, “राहुल गांधी आपत्ति दर्ज कराने नहीं आते और अब हमारे कर्मचारियों को धमकाते हैं। हम ऐसे बयानों पर ध्यान नहीं देते और निष्पक्षता से काम करते हैं।”