चीन से अवैध फ़ंडिंग लेने के आरोप में यूएपीए के तहत पुरकायस्थ को गिरफ़्तार किया गया था
डिजिटल न्यूज डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच ने बुधवार को न्यूज़ पोर्टल न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ को रिहा करने का आदेश दिया है। जस्टिस बीआर गवई की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा पुरकायस्थ की गिरफ़्तारी और उसके बाद उन्हें हिरासत में रखे जाना क़ानून की नज़र में अवैध था।
अदालत ने ये भी कहा कि पुरकायस्थ की गिरफ़्तारी के समय ये नहीं बताया गया कि इसका आधार क्या था। इसकी वजह से गिरफ़्तारी निरस्त की जाती है। निचली अदालत द्वारा तय की गई मुचलके की राशि को जमा करने के बाद प्रबीर पुरकायस्थ को जेल से रिहा किया जा सकता है।
बता दें कि प्रबीर पुरकायस्थ को पिछले साल अक्टूबर में चीन से अवैध फ़ंडिंग लेने के आरोप में यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किया गया था। इस मामले की पैरवी करनेवाले वकील कपिल सिब्बल ने अदालत में दलील दी थी कि उनके मुवक्किल को हिरासत में लिए जाते समय गिरफ़्तारी का आधार नहीं बताया गया था, जबकि इसकी जानकारी लिखित में दी जानी चाहिए थी।
हालांकि, दिल्ली पुलिस की ओर से एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि पुरकायस्थ को बताया गया था कि उनकी गिरफ़्तारी किन आधारों पर की गई है। लिखित में इसकी जानकारी देना यूएपीए के तहत अनिवार्य नहीं है।