BMC इंजीनियर और ठेकेदारों पर शिकंजा
✍🏻 प्रहरी संवाददाता, मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मुंबई अंचल कार्यालय ने मीठी नदी डीसिल्टिंग घोटाले के सिलसिले में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत मुंबई के 8 ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया।
यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के प्रावधानों के अंतर्गत की गई। जांच के दायरे में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) से जुड़े ठेकेदार एक्यूट डिज़ाइन्स, कैलाश कंस्ट्रक्शन कंपनी, निखिल कंस्ट्रक्शन कंपनी, एन.ए. कंस्ट्रक्शन प्रा. लि., जे.आर.एस. इन्फ्रास्ट्रक्चर और बीएमसी अभियंता प्रशांत कृष्ण तायशेटे के कार्यालय व आवासीय परिसर शामिल हैं।
तलाशी के दौरान 47 करोड़ रुपये से अधिक की राशि बैंक खातों, सावधि जमा (एफडीआर) और डीमैट खातों में फ्रीज़ की गई। साथ ही, कई डिजिटल डिवाइसेज़, अचल संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज़ व अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई, जो आगे की कार्रवाई में उपयोगी मानी जा रही है।
ईडी ने यह जांच आज़ाद मैदान पुलिस स्टेशन, मुंबई में 6 मई 2025 को दर्ज प्राथमिकी (एफआईआर नं. 0075/2025) के आधार पर शुरू की थी। एफआईआर में कुल 13 व्यक्ति/संस्थाएं नामजद हैं, जिन पर बीएमसी को 65 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाने का आरोप है।
जांच में यह सामने आया है कि उपरोक्त ठेकेदारों ने बीएमसी के ठोस कचरा विभाग (SWD) के अधिकारियों की मिलीभगत से डीसिल्टिंग कार्यों में भारी अनियमितताएं कीं। इसमें ज़मीन मालिकों के फर्जी एमओयू और ग्राम पंचायतों की झूठी एनओसी जमा कर सिल्ट डंपिंग के फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए। वर्ष 2021-22 में मीठी नदी की सफाई के लिए टेंडरों में सिल्ट पुशर व बहुउद्देश्यीय अम्फीबियस पोंटून मशीनों की खरीद में भी घोटाले के संकेत मिले हैं।
इससे पूर्व, ईडी ने 6 जून 2025 को इसी मामले में 18 स्थानों पर तलाशी ली थी। अब तक कुल 49.8 करोड़ रुपये की अपराध आय (Proceeds of Crime) जब्त या फ्रीज़ की जा चुकी है। जांच अब भी जारी है।