प्रहरी संवाददाता, मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई अब नाबालिग लड़कियों और महिलाओं के लिए असुरक्षित महानगर बन रही है। जनवरी से मई 2022 के बीच मुंबई में महिलाओं के खिलाफ आपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है।
पिछले साल कुल 2163 आपराधिक घटनाएं दर्ज हुई थीं, जबकि 2022 के पहले पांच महीने में ही यह आंकड़ा बढ़कर 2715 तक हो गया है। मुंबई पुलिस की आपराधिक घटनाओं पर आधारित एक रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है।
67 फीसदी केसों को सुलझाया गया
पिछले साल 1478 यानी 68 फीसदी मामले सुलझाने में पुलिस प्रशासन सफल रहा, जबकि इस साल 1828 यानी 67 फीसदी केसों को सुलझाया गया है।
नाबालिगों से रेप के मामलों में पिछले साल डिटेक्शन रेट 88 फीसदी था। इस साल डिटेक्शन रेट बढ़कर 94 फीसदी हो गया है। छेड़छाड़ मामले में डिटेक्शन रेट पिछले साल 95 फीसदी था, जो घटकर इस साल 81 फीसदी रह गया।
दुष्कर्म और रेप की घटनाएं बढ़ीं
वर्ष 2021 में छेड़छाड़ एवं पॉक्सो ऐक्ट के तहत कुल 161 घटनाएं दर्ज हुई थीं, जबकि वर्ष 2022 में मई महीने तक नाबालिग लड़कियों और महिलाओं के साथ आपराधिक घटनाओं की संख्या बढ़कर 210 तक जा पहुंची। नाबालिग के साथ दुष्कर्म और रेप की घटनाएं भी पिछले साल की तुलना में बढ़ी हैं।
ईव टिजिंग की घटनाओं में कमी
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल रेप के कुल 234 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं मई 2022 तक कुल 250 मामले दर्ज हो चुके हैं। हालांकि, ईव टिजिंग की घटनाओं में कमी आईं हैं। पिछले साल ईव टिजिंग के 17 केस दर्ज किए गए थे, जबकि इस साल यह आंकड़ा 11 रहा है।