शिक्षा, स्वास्थ्य पर सार्वजनिक व्यय के मामले में ब्रिक्स राष्ट्रों से पीछे है भारत
प्रहरी संवाददाता, मुंबईः उत्तर प्रदेश में चुनाव होने जा रहे हैं और केंद्र सरकार अपनी उपलब्धियों का बखान करने में व्यस्त है। वह लगातार विकास के दावे कर रही है, लेकिन ब्रिक्स देशों की स्थिति पर तैयार की गई एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि शिक्षा और हेल्थ पर सार्वजनिक व्यय के मामले में भारत कई ब्रिक्स राष्ट्रों से पीछे है।
भारत इस रिपोर्ट में ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका सहित पांच देशों के समूह में सबसे नीचे है। शिक्षा पर सार्वजनिक व्यय के मामले के मामले में दक्षिण अफ्रीका शीर्ष पर है।
बजट का 3.5 प्रतिशत खर्च होता है शिक्षा पर
रिपोर्ट से पता चलता है कि वर्ष 2020 में भारत सरकार ने अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का केवल 3.5 प्रतिशत रकम ही सार्वजनिक व्यय शिक्षा पर खर्च किया है।
शिक्षा पर खर्च किया जाने वाला यह सार्वजनिक व्यय ब्रिक्स के इन देशों में सबसे कम है। इसी तरह, भारत में सकल घरेलू उत्पाद में स्वास्थ्य पर सार्वजनिक व्यय का हिस्सा केवल 1.8 फीसदी है।
साउथ अफ्रीका अव्वल
दक्षिण अफ्रीका ने अपने सकल घरेलू उत्पाद का 6.9 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा पर खर्च किया है, जबकि ब्राजील ने 6.2 प्रतिशत राशि और चीन ने जीडीपी का 4.1 प्रतिशत सार्वजनिक व्यय शिक्षा पर खर्च किया है। सार्वजनिक व्यय शिक्षा पर खर्च करनेवाले देशों में रूस ने अपने सकल घरेलू उत्पाद का 4 प्रतिशत रकम खर्च किया है।
हेल्थ और चाइल्ड केयर मामले में भी पीछे
इस रिपोर्ट से यह भी खुलासा हुआ है कि भारत स्वास्थ्य, शिक्षा, शिशु देखभाल सहित कई सामाजिक और आर्थिक मापदंडों पर ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) से काफी पीछे है। भारत में सकल घरेलू उत्पाद में स्वास्थ्य पर सार्वजनिक व्यय का हिस्सा केवल 1.8 फीसदी है। वहीं, ब्राजील में यह 4 प्रतिशत, रूस में 4.6, चीन में 7.1 और दक्षिण अफ्रीका में 4.2 फीसदी है। रिपोर्ट ने भारत में उच्च शिशु मृत्यु दर को दिखाया गया है।