पिछले 10 वर्ष से स्विस बैंक में छिपाए गए काले धन का कोई आधिकारिक अनुमान नहीं: सरकार
प्रहरी संवाददाता, मुंबई। आखिरकार काले धन का गुब्बारा भी फूट गया। जनता को गुमराह करने के लिए भाजपा ने ब्लैक मनी का गुब्बारा फुलाया था। काले धन के नाम पर सरकार बनाने वाली केंद्र की मोदी सरकार ने सोमवार को कह दिया कि उसके पास पिछले 10 वर्ष से स्विस बैंक में छिपाए गए काले धन का कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है। लोकसभा में विन्सेंट एच. पाला के प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने यह जानकारी दी।
वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि एचएसबीसी मामले में लगभग 8,465 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति को कर के अधीन लाया गया है और 1,294 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। आईसीआईजे (खोजी पत्रकारों का अंतरराष्ट्रीय संघ) मामले में लगभग 11,010 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है। पनामा पेपर्स लीक मामले में लगभग 20,078 करोड़ रुपये के अघोषित जमाधन का पता चला है। वहीं, पेराडाइज पेपर्स लीक मामले में लगभग 246 करोड़ रुपये के अघोषित जमा धन का पता चला है।
वित्त राज्य मंत्री चौधरी ने बताया कि इस साल 31 मई तक काला धन अधिनियम, 2015 की धारा 10(3)/10(4) के तहत 66 मामलों में निर्धारण आदेश जारी किए गए हैं, जिसमें 8,216 करोड़ रुपये की मांग की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि हाल के वर्षों में विदेशों में छिपाए गए काले धन को वापस लाने के लिए सरकार ने अनेक प्रयास किए हैं, जिनमें काला धन एवं कर अधिरोपण कानून को प्रभावी करना, विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करना आदि शामिल हैं।