मुंबई। महाराष्ट्र राज्य विद्युत पारेषण कंपनी (एमएसईटीसीएल) ने पारेषण लाइन और पारेषण टावरों के निरीक्षण के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। यह जानकारी राज्य के ऊर्जा विभाग की ओर से दी गई। ऊर्जा विभाग की ओर से केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास अत्याधुनिक तकनीक से लैस ड्रोन खरीदी का प्रस्ताव भेजा गया था। इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई है, जिससे ट्रांसमिशनलाइन से जुडी खामी को आसानी से पकड़ा जा सकेगा।
सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने पारेषण लाइन और पारेषण टावरों के निरीक्षण के लिए ड्रोन के इस्तेमाल का प्रस्ताव दिया था, जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने इसके लिए हरी झंडी दी। इसके बाद ड्रोन का इस्तेमाल राज्य के दूरदराज के क्षेत्रों में स्थित ‘एक्स्ट्रा हाई वोल्टेज’ (ईएचवी) लाइन और टावर की आसमान से निगरानी और निरीक्षण के लिए किया जा सकेगा। हालांकि कई जिलों में ड्रोन से निगरानी की जा रही है। इससे रखरखाव की लागत में कमी आने के साथ ही बिजली की कटौती से होने वाले नुकसान को भी कम करने में मदद मिल सकती है।
बता दें कि बिजली लाइनों के ड्रोन से निरीक्षण से लाइनों में खामी का तेजी से पता लग जाता है। ये ड्रोन अल्ट्रा एचडी कैमरों से लैस हैं जिससे टावर और उनके पूर्जों की नजदीक से स्पष्ट तस्वीर ली जा सकती है।
ऊर्जा मंत्री डॉ राउत ने एमएसईटीसीएल के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक दिनेश वाघमारे व उनकी पूरी टीम को ड्रोन से बिजली लाइन व ट्रांसमिशन टावर के परीक्षण से जुडी सफलता के लिए बधाई दी हैं। इससे पहले केंद्र सरकार ने भी एमएसईटीसीएल के ड्रोन के इस्तेमाल के कदम की सराहना की थी।