इस साल नोट सड़ने का रेकॉर्ड टूटा, नष्ट की गई दूने से ज्यादा करंसी
प्रहरी संवाददाता, मुंबई। पिछले एक साल की तुलना में इस साल नोटों के सड़ने का रेकॉर्ड टूट गया है। इस अवधि में करीब 1878 करोड़ रुपये के नोट सड़ गए, जबकि 3586 करोड़ रुपये की छपाई भी बरबाद हो गई। वर्ष 2020-21 में 997 करोड़ रुपये के नोट सड़ गए थे। एक साल में नोटों के सड़ने की संख्या दोगुनी हो गई। आरबीआई की रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है।
आरबीआई की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि वर्ष 2019-20 में 1465 करोड़ नोट सड़े थे। इस बार सड़े नोटों में सबसे ज्यादा संख्या 500 के नोटों के है। पिछले साल की तुलना में पांच सौ के नोट चार गुना ज्यादा सड़ गए। चार साल पहले लांच किए 200 के नोट भी छह गुना ज्यादा सड़ गए। यह नोट इस्तेमाल करने योग्य नहीं रहे।
करोड़ों रुपये की छपाई पानी में गई
बता दें कि पुरानी करंसी की तुलना में नई करंसी छापने का खर्च कम है। 500 रुपये के पुराने नोट की छपाई का खर्च जहां 3.09 रुपये था, तो वहीं नए नोट की छपाई पर 2.65 रुपये खर्च होते हैं।
इसी तरह, एक हजार रुपये का नोट 3.54 रुपये में छपता था, जबकि दो हजार रुपये के एक नोट पर 3.53 रुपये का खर्च आया। दो हजार से दस रुपये तक के एक नोट को छापने का औसत खर्च 1.91 रुपये आता है। पिछले एक साल में कुल 1878 करोड़ पीस नोट सड़ गए, जिनकी छपाई पर 3586 करोड़ खर्च आया था।
आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2019-20 में 2000 रुपये के 176.8 करोड़ नोट सड़े थे, जबकि वर्ष 2020-21 में 454.8 करोड़ रुपये और वर्ष 2021-22 में 384.7 करोड़ नोट सड़ गए। इसी तरह, वर्ष 2019-20 में 500 रुपये के 164.5 करोड़ नोट, वर्ष 2020-21 में 590.9 करोड़ नोट और वर्ष 2021-22 में 220.82 करोड़ नोट सड़ गए। वर्ष 2019-20 में 200 रुपये के कुल 31.8 करोड़ नोट सड़े थे, जबकि वर्ष 2020-21 में 118.6 करोड़ और वर्ष 2020-21 में 616.7 करोड़ नोट सड़े थे।