जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में 6 राज्यों ने विरोध किया, बायो डीजल पर 5 पर्सेंट जीएसटी
प्रहरी संवाददाता, लखनऊ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) काउंसिल की 45वीं बैठक खत्म होते ही साफ हो गया कि सरकार की मंशा पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कम करने की नहीं है। बैठक में पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल करने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई। छह राज्यों ने पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का विरोध किया। सरकार का कहना है कि इससे 4.5 लाख करोड़ के जीएसटी राजस्व का नुकसान होगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि यह मुद्दा केरल हाईकोर्ट के ऑर्डर पर बैठक के एजेंडे में आया। काउंसिल ने माना कि यह पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसट में लाने का सही समय नहीं है। इसकी जानकारी केरल हाईकोर्ट को भी दी जाएगी। केरल हाईकोर्ट ने कुछ दिनों पहले कहा था कि पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार करना चाहिए।
जीएसटी काउंसिल की बैठक में अगर प्रस्ताव मंजूर हो जाता और पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता तो पेट्रोल 28 रुपये और डीजल 25 रुपये तक सस्ता हो जाता। देश में पेट्रोल 110 रुपये और डीजल 100 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच चुका है।
महत्वपूर्ण फैसलेः
-लीज पर लेने के लिए विमानों के आयात पर आईजीएसटी नहीं लगेगा
-रेलवे पार्ट और लोकोमोटिव्स पर जीएसटी की दर 12% से बढ़ाकर 18% की गई
-बायोडीजल पर जीएसटी की दर 12% से घटाकर 5% किया गया
-मालगाड़ी परमिट पर भी जीएसटी नहीं लगेगी
-सभी प्रकार की कलम और उनके हिस्सों पर लगेगी 18% जीएसटी
-कागज के विविध सामान जैसे कार्ड, कैटलॉग, मुद्रित सामग्री पर 18% जीएसटी
-भारत-बांग्लादेश सीमा पर लगनेवाले हाट व सामानों पर आईजीएसटी नहीं लगेगा
-निर्दिष्ट रिन्यूएबल एनर्जी डीवाइस (अक्षय ऊर्जा उपकरण) और पुर्जे पर जीएसटी 5% से बढ़ाकर 18% किया गया
…तो पेट्रोल 28 रुपये और डीजल 25 रुपये तक सस्ता हो जाता