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महंगे ईंधन ने बढ़ाई थोक महंगाई

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12.94 प्रतिशत के रेकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंची मुद्रास्फीति

प्रहरी संवाददाता, मुंबईः कच्चे तेल और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी से थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति की दर मई में बढ़कर रिकॉर्ड उच्च स्तर 12.94 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जबकि खाने का सामान मंहगा होने से खुदरा मुद्रास्फीति मई महीने में यह दर उछलकर 6.3 प्रतिशत तक पहुंच गई है।
मई 2021 में डब्ल्यूपीआई मु्द्रास्फीति तेजी से बढ़ी है। मई 2020 में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति ऋणात्मक 3.37 प्रतिशत थी। यह लगातार पांचवां महीना है, जब थोक मूल्य सूककांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति बढ़ी है। अप्रैल 2021 में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति दो अंकों में 10.49 प्रतिशत हो गई थी। खाने का सामान मंहगा होने से खुदरा मुद्रास्फीति मई महीने में उछलकर 6.3 प्रतिशत पहुंच गई। यह महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊंची है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में 4.23 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़े के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर मई में 5.01 प्रतिशत रही। यह पिछले महीने के 1.96 प्रतिशत से कहीं अधिक है।


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