– समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी पर बोला हमला
हाइलाइट्स:
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8 नवंबर 2016 को हुई थी नोटबंदी
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सोशल मीडिया पर अखिलेश यादव ने किया पोस्ट
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गिरते रुपये पर बीजेपी को समाजवादी पार्टी ने घेरा
प्रहरी संवाददाता, लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नोटबंदी को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के इतिहास में नोटबंदी के नाम पर एक पूरा अध्याय सिर्फ काले रंग से ही छापा जाएगा। गुरुवार यानी 7 नवंबर को कारोबार बंद होते समय एक डॉलर की कीमत 84 रुपये के स्तर को पार कर गई थी, जबकि शुक्रवार 11 नवंबर को भी 84.40 रुपये के लेवल पर ट्रेंड कर रहा है। दिसंबर तक रुपया डॉलर के मुकाबले 85 के निचले स्तर को छू सकता है। इससे पहले अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में रुपये की कीमत 11 सितंबर को अपने दूसरे सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंची थी।
‘जनता पूछ रही है’
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने कहा कि नोटबंदी की 8वीं सालगिरह के ठीक एक दिन पहले ही रुपया डॉलर के मुकाबले सबसे कमजोर स्थिति में आ गया। जनता पूछ रही है कि क्या ये नोटबंदी की नाकामयाबी की वजह से हुआ या बीजेपी की नकारात्मक नीतियों की वजह से।
भारतीय अर्थव्यवस्था के इतिहास में नोटबंदी के नाम पर एक पूरे-का-पूरा अध्याय सिर्फ़ काले रंग से ही छापा जाएगा।
आज नोटबंदी की 8वीं सालगिरह के ठीक एक दिन पहले ही, कल रुपया डॉलर के मुक़ाबले सबसे कमज़ोर स्थिति में आ गया। जनता पूछ रही है क्या ये नोटबंदी की नाकामयाबी की वजह से हुआ या…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 8, 2024
‘मजबूत अर्थव्यवस्था को बीजेपी ने बना दिया अनर्थव्यवस्था’
सपा मुखिया ने कहा कि अब क्या भाजपाई फिर ये कहेंगे कि देश के इतिहास में रुपया डॉलर के मुकाबले सबसे निचले स्तर पर पहुंचकर ‘रिकार्ड तोड़’ नहीं गिरा है, बल्कि डॉलर ऊपर उठा है। बीजेपी ने अर्थव्यवस्था को अनर्थव्यवस्था बना दिया है। रुपया कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा।
‘500 और 1000 के नोट बंद किए गए थे’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को पूरे देश में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर दिया था। इसके बाद देशभर में कई हफ्तों तक बैंकों और एटीएम के सामने पुराने नोट बदलवाने वालों की लंबी कतारें देखी गई थी। बीजेपी ने तब कहा था कि नोटबंदी का मकसद देश में कालाधन रोकने और डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा देना है।