प्रहरी संवाददाता, मुंबई। भारत का विदेशी कर्ज मार्च 2021 तक सालाना आधार पर 2.1 प्रतिशत बढ़कर 570 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। वित्त मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बीच विदेशी कर्ज में मामूली वृद्धि हुई है। देश के विदेशी कर्ज में अमेरिकी डॉलर मूल्य के ऋण का हिस्सा (52.1 प्रतिशत) सबसे अधिक है, जबकि रुपये वाले कर्ज का हिस्सा 33.3 प्रतिशत, येन का 5.8 प्रतिशत और यूरो का 3.5 प्रतिशत रहा।
मंत्रालय ने कहा कि विदेशी कर्ज से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अनुपात बढ़कर 21.1 प्रतिशत हो गया है। मार्च 2020 के अंत तक यह आंकडा 20.6 प्रतिशत था। मंत्रालय की ओर से देश के विदेशी कर्ज पर जारी स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, मुद्रा भंडार से विदेशी ऋण का अनुपात बढ़कर 101.2 प्रतिशत हो गया, जो इससे प़िछले साल की समान अवधि में 85.6 प्रतिशत था। इससे भारत की शुद्ध ऋणदाता के रूप में दुनिया में स्थिति मजबूत हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौरान सरकारी ऋण 107.2 अरब डॉलर रहा, जो एक साल पहले की तुलना में 6.2 प्रतिशत अधिक है। इसकी वजह बाहरी सहायता में बढ़ोतरी है। विदेशी सहायता में बढ़ोतरी से पता चलता है कि वर्ष 2020-21 के दौरान बहुपक्षीय एजेंसियों ने कोविड-19 के लिए अधिक ऋण सहायता दी है, जबकि गैर-सरकारी कर्ज सालाना आधार पर 12 प्रतिशत बढ़कर 462.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया। गैर-सरकारी ऋण में वाणिज्यिक कर्ज, एनआरआई जमा और लघु अवधि के व्यापार ऋण का हिस्सा 95 प्रतिशत है।